आबादी का एक बड़ा हिस्सा घर पर काम कर रहा है और ज्यादा चाय पी रहा है। घरों में होने वाले चाय की खपत में इस इजाफे और विश्वव्यापी महामारी के कारण कम फसल की वजह से कंपनियों की शुद्ध आय बढ़ रही है।
सबसे बड़ी उत्पाद मैकलॉयड रसेल इंडिया ने सितंबर तिमाही के दौरान 148.29 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। इसमें सालाना आधार पर 63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जय श्री टी ऐंड इंडस्ट्रीज ने 76.67 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया है। गुडरिक ग्रुप का शुद्ध लाभ 72.85 करोड़ रुपये रहा है और इसमें 29.55 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सालाना आधार पर राजस्व भी अधिक रहा है। मैकलॉयड के राजस्व में 52 प्रतिशत, गुडरिक के राजस्व में 37.44 प्रतिशत और जय श्री के राजस्व में 38.47 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
मैकलॉयड रसेल के निदेशक आजम मोनेम के अनुसार चाय उद्योग चक्रीय होता है और हर 7 से 8 साल में ज्यादा खपत और निर्यात होने लगता है। उन्होंने कहा कि साल 2019 में बाजार के निचले स्तर पर पहुंचने के संकेत थे और फिर इस महामारी और मौसम के उलट रुख वाले हालात से भी फसल पर असर पड़ा। घर में होने वाली खपत भी बढ़ी है।
मोनेम ने संकेत दिया कि बड़े पैकर्स से मिली जानकारी के मुताबिक घरों में होने वाली खपत में तीन से चार प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि घर से बाहर वाली खपत में 20 से 25 प्रतिशत तक की गिरावट आई है जिससे क्षेत्रीय पैकर्स को प्रभावित किया है।
देश में घर पर होने वाली चाय खपत काफी बढ़ी है, जबकि घर से बाहर वाली चाय खपत में मुख्य रूप से कार्यस्थल का योगदान रहता है और पश्चिम के औद्योगिकृत देशों के लिए यह रुख अच्छा दिख रहा है। घर पर खपत का यह रुख वैश्विक है, क्योंकि इस विश्वव्यापी महामारी के दौरान लोग कार्यस्थल से दूर रहकर काम कर रहे हैं।
अलबत्ता उद्योग पर किसी एक कारण की अपेक्षा महामारी का ज्यादा असर पड़ा है। सितंबर तक 18 से 20 प्रतिशत तक फसल क्षति हुई थी। जून और जुलाई के दौरान मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों और लॉकडाउन के कारण इसमें रुकावट आई थी। चाय उत्पादन में इस कमी से चाय की कीमत बढ़ गई और उपभोक्ताओं ने इसे स्वीकार कर लिया।
सितंबर में समाप्त होने वाले छह महीने में गुडरिक की अपनी निजी फसल में पिछले साल के मुकाबले 28 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि बाजार में चाय की कुल गिरावट की वजह से दामों में इजाफे का रुख रहा जिससे पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में आमदनी में 43 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
गुडरिक ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी अतुल अस्थाना ने कहा कि कंपनी अच्छी गुणवत्ता वाली चाय पर ध्यान दे रही है और इसके लिए फसल में कुछ कटौती की है जिससे शुद्ध आय में इजाफा हुआ है।
