facebookmetapixel
एआई और आधुनिक तकनीक से प्रदूषण नियंत्रण, विकास और पर्यावरण में संतुलन बना रहा यूपीपीसीबीउत्तर प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात! अब जन सेवा केंद्रों पर बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, RTO के चक्कर से राहतस्टार्टअप को बढ़ावा देने वाला ​​ठिकाना बन गया उत्तर प्रदेश: इंडियन बैंकचमकते बस अड्डे, इलेक्ट्रिक बसें और बेहतर कनेक्टिविटी: उत्तर प्रदेश परिवहन की बड़ी छलांगबाघ, पक्षी और जंगल सफारी: धार्मिक स्थलों से आगे बढ़ा पर्यटन, उत्तर प्रदेश के जंगल भी बने सैलानियों की पसंदनए औद्योगिक क्षेत्रों और MSME में दिख रहा यूपी का बदलता चेहरा, निवेश और विकास को मिली नई रफ्तारआर्थिक वृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के बीच पुल बन सकती है तकनीक, सर्कुलर इकनॉमी पर जोरकाशी विश्वनाथ, राम मंदिर से लेकर मथुरा-वृंदावन तक; उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का इंजन बना पर्यटनकानून व्यवस्था से कारोबार तक: योगी के नेतृत्व में निवेश का हब बना UP, अर्थव्यवस्था ने पकड़ी तेज रफ्तारUPPTCL का फ्यूचर रोडमैप: ग्रीन एनर्जी, डिजिटल ग्रिड और मजबूत ट्रांसमिशन नेटवर्क पर फोकस

सरकारी नकेल से निकलने लगा महंगाई का ‘तेल’

Last Updated- December 05, 2022 | 6:57 PM IST

महंगाई रोकने के सरकारी फैसले का असर वनस्पति तेल और चावल के थोक बाजार पर मंगलवार को साफ-साफ देखने को मिला।


तेल के दाम में 5 रुपये से लेकर 9 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट देखी गई। वहीं चावल के बाजार में भी मामूली कमी देखी गई। चावल के थोक बाजार में प्रति किलो 1.50 रुपये से लेकर 2 रुपये प्रति किलो की गिरावट रही। बाजार का मानना है कि वनस्पति तेल के दामों में अभी और गिरावट आएगी। कारोबारियों का कहना है कि तेल के दाम कम होने से उन्हें भी लाभ मिलेगा। तो चावल व्यापारियों के बीच इस गिरावट को लेकर कोई उत्साह नहीं है।


सरकार के फैसले से वायदा बाजार में सोयाबीन सोया और सरसों तेल की कीमतों में भारी गिरावट हुई, जिसके कारण मंगलवार को कारोबार थोड़ी देर के लिए रुक गया।सोमवार को देर रात सरकार ने बढ़ती महंगाई (महंगाई दर 6.68 फीसदी) पर काबू के लिए कच्चे वनस्पति तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को पूर्ण रूप से हटाने का फैसला किया तो रिफाइंड वनस्पति तेलों के आयात पर अब मात्र 7.5 फीसदी शुल्क लगेगा।


सप्ताह भर पहले भी सरकार ने वनस्पति तेलों के आयात शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। इधर, एनसीडीइएक्स के एक पदाधिकारी ने कृषि से जुड़े कुछ जिंसों के वायदा कारोबार पर रोक लगाने की संभावना को महज अटकलें करार दिया है। बाजार में यह चर्चा थी कि सरकार कुछ खाद्य वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने का मन बना रही है।


दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता के मुताबिक सोमवार के फैसले के बाद मंगलवार को सुबह तेल के थोक बाजार में सोयाबीन तेल में 9 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट देखी गई। वही पामऑयल में यह गिरावट 8 रुपये प्रति किलो की रही तो बिनौला व सरसों तेल में भी प्रति किलो 5 से 6 रुपये की कमी दर्ज की गई।


सोयाबीन की कीमत 6300-6400 रुपये प्रति टन के स्तर पर थी, जो गिरकर 5700-5800 रुपये प्रति टन के स्तर पर आ गई। तो सरसों तेल की कीमत 6300 रुपये प्रति टन से गिरकर 5700 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई। गुप्ता कहते हैं, ‘निश्चित रूप से इस कमी से कारोबारियों को लाभ मिलेगा।


क्योंकि गिरावट से नई मांग निकलेंगी और मांग में बढ़ोतरी होगी, जिससे थोक बाजार से अधिक तेल बिकेगा। लेकिन वे यह भी आशंका जाहिर करते हैं कि इस फैसले से स्टॉक करने वाले कारोबारियों को नुकसान भी होगा।


ऐसा हुआ असर


वनस्पति तेल के थोक दामों में भारी कमी
5 से लेकर 9 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट
चावल का उबाल भी कुछ कम हुआ
थोक में 1.50 से 2 रु. प्रति किलो की गिरावट

First Published - April 2, 2008 | 1:41 AM IST

संबंधित पोस्ट