बहुप्रतीक्षित दक्षिण पश्चिम मॉनसून आने में 2 दिन देरी की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अब केरल के तटों पर 1 जून की जगह 3 जून को मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘केरल के तट के नजदीक कमजोर पछुआ हवाएं चल रही हैं, जिसके कारण बारिश और बादल नहीं बढ़ रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि आगे पछुआ हवाएं तेज होने केटिकाऊ बारिश की संभावना है।
बहरहाल मौसम विभाग ने कहा है कि कम स्तर की दक्षिण पश्चिम की हवाओं के मजबूत होने से बारिश का प्रसार होगा और पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 5 दिन में भारी बारिश हो सकती है।
केरल में मॉनसूनी बारिश की सामान्य तारीख 1 जून है। इसके बाद देश भर में 4 महीने बारिश का मौसम चलता है।
इस महीने की शुरुआत में आईएमडी ने अनुमान लगाया था कि केरल में मॉनसून 31 मई को आ जाएगा, जिसमें 5 दिन की कमी या ज्यादा की त्रुटि हो सकती है। इस साल मॉनसून सामान्य रहने की उम्मीद है।
वहीं इसके विपरीत निजी क्षेत्र की मौसम का अनुमान लगाने वाली एजेंसी स्काईमेट ने कहा है कि दरअसल केरल में दक्षिण पश्चिम मॉनसून पहले ही आ गया है।
स्काईमेट ने एक बयान में कहा है, ‘मॉनसून आने में पर्यावरण संबंधी कुछ तय मानकों को पूरा करना होता है। व्यापक आधार पर देखें तो सभी मानक पूरे हो चुके हैं, जिसमें बारिश, दक्षिण पूर्वी अरब सागर और इसके नजदीक भूमध्यरेखीय हिंद महासागर में पछुआ हवाओं की रफ्तार और गहराई शामिल है। बारिश की मात्रा की पुष्टि उपलब्ध आंकड़ों से की गई है।’ इसमें कहा गया है कि किसी बड़े मॉनसूनी झोके की अनुपस्थिति में शुरुआती बारिश थोड़ी कम रह सकती है।