facebookmetapixel
Yearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारी

अमेरिका में ब्याज दरें घटने पर सोने में उछाल

अगर अमेरिका में ब्याज दर लंबे समय तक ऊपर रहीं तो सोने की उछाल पर लगेगा अंकुश

Last Updated- May 07, 2023 | 9:00 PM IST
Gold

इस साल अभी तक सोने के भाव करीब 9.7 फीसदी चढ़ गए हैं। पिछले साल जिस निवेशक ने अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर सोना खरीदा था उसके निवेश की कीमत लगभग 14.6 फीसदी बढ़ चुकी होगी। सवाल यह उठता है कि इस साल अक्षय तृतीया पर जिन्होंने सोना खरीदा है, उनके निवेश का क्या हाल रहेगा।

बैंक संकट, मंदी से फायदा

पिछले साल सोने के भाव में जो जबरदस्त तेजी दिखी थी, वह इस साल भी शायद ही थमे क्योंकि चारों ओर अनिश्चितता का माहौल है। अमेरिका में क्षेत्रीय बैंकों में हाल में आए संकट ने समूचे वित्तीय तंत्र को दहला दिया है।

क्वांटम असेट मैनेजमेंट कंपनी में फंड प्रबंधक (वैकल्पिक निवेश) गजल जैन कहती हैं, ‘इस संकट से पता चलता है कि ऊंची ब्याज दरों का क्या आर्थिक प्रभाव पड़ रहा है। निकट भविष्य में वित्तीय तंत्र को और भी नुकसान पहुंच सकता है।’

अगले 12 महीने में अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी में फंस सकती है। पिछले नौ महीनों में अमेरिका में प्रतिफल का ग्राफ दिखाता है कि दीर्घावधि ब्याज दरें अल्पावधि ब्याज दरों से कम हैं। यह मंदी आने की निशानी होती है। आनंद राठी शेयर्स ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स में निदेशक (कमोडिटी एवं करेंसी) नवीन माथुर का कहना है, ‘बैंकिंग संकट के साथ ही आर्थिक मंदी का डर भी पैदा हो गया है।’

अमेरिकी केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि दर बढ़ोतरी के इस चक्र में उसकी उच्चतम दर 5-5.25 फीसदी होगी। इस हिसाब से 25 आधार अंक का एक और इजाफा होते ही दर उच्चतम अनुमान पर पहुंच गई है। बैंकिंग संकट और मंदी के कारण माना जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही मौद्रिक नीति की चाल उलटी कर सकता है।

जैन कहती हैं, ‘आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के लिए या वित्तीय बाजारों को सुकून देने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ सकती है। कटौती कब होगी, यह किसी को नहीं पता।’

सोने का प्रदर्शन आम तौर पर तब बढ़िया रहता है, जब वास्तविक ब्याज दरें कम होती हैं। ब्याज दर इजाफे का सिलसिला रोका जाए या दरों में कटौती हो, दोनों ही सूरत सोने के लिए अच्छी रहेंगी।

चीन में आर्थिक गतिविधियां दोबारा सामान्य होने से खपत के लिए मांग बढ़ सकती है। प्रभुदास लीलाधर में निवेश सेवा प्रमुख पंकज श्रेष्ठ कहते हैं, ‘हमें अगले छह महीने से एक साल तक सोने के भाव चढ़ने की उम्मीद है क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है, जो सोने का सबसे बड़ा खरीदार है।’ उनके हिसाब से भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी से भी सोने को ताकत मिलेगी।

ऊंची दरें करेंगी नुकसान

यदि अमेरिकी फेड ब्याज दरों को लंबे समय तक मौजूदा ऊंचे स्तर पर ही रखता है तो सोने में उछाल एक हद तक ही रहेगी। माथुर का कहना है, ‘अमेरिका में 2023 की चौथी तिमाही में शायद हल्की मंदी ही आएगी। यूरो क्षेत्र और ब्रिटेन में महंगाई से लड़ने के लिए 2023 में दरों बढ़ती रह सकती हैं। अमेरिका के बाहर महंगाई परेशान करती रहेगी।’

मौजूदा ऊंचे भावों का असर धातु के रूप में सोने की मांग पर भी पड़ेगा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के क्षेत्रीय मुख्य कार्य अधिकारी सोमसुंदरम पीआर कहते हैं, ‘अक्षय तृतीया पर सोने के रिकॉर्ड भाव रहे थे।’

लगातार निवेश करें

सोने में इतनी अनिश्चितता देखते हुए निवेशकों को इसमें निवेश जरूर करना चाहिए। एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशन्स के संस्थापक एम बर्वे कहते हैं, ‘आप कितना जोखिम लेना चाहते हैं, आपका पिछला अनुभव कैसा रहा है और आपको भविष्य में किस तरह की जरूरत है, यह सब देखकर 5 से 10 फीसदी निवेश सोने में भी करना चाहिए।’ जब भी सोने के दाम गिरें, झट से खरीद लें।

गोल्ड बॉन्ड, ईटीएफ, फंड

निवेशकों को सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड (SGB) या एक्सचेंड ट्रेडेड फंड (ETF) और फंड का इस्तेमाल कर सोने में निवेश करना चाहिए। सेबी में पंजीकृत निवेश सलाहकार और वित्तीय योजना फर्म हम फौजी इनीशिएटिव्स के मुख्य कार्य अधिकारी (CEO) कर्नल (सेवानिवृत्त) संजीव गोविला की राय है, ‘खुद इस्तेमाल करना हो तो धातु के रूप में सोना खरीदिए। निवेश के लिए ऐसा मत कीजिए।’

यदि आपको करीब 5 साल के लिए निवेश करना है तो सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड खरीदें। इसमें सोने के भाव के हिसाब से रिटर्न तो मिलता ही है, 2.5 फीसदी सालाना रिटर्न भी हासिल होता है। इसीलिए सोने में निवेश के दूसरे साधनों से यह बेहतर है। जिन्हें तरलता की दरकार है, उन्हें ETF या गोल्ड म्युचुअल फंड (Gold Mutual Funds) का रास्ता पकड़ना चाहिए।

सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश करने वालों को गोल्ड म्युचुअल फंड भा सकते है। गोल्ड ETF और म्युचुअल फंड पर पूंजीगत लाभ पर अब कर स्लैब के हिसाब से कर वसूला जाता है और म्युचुअल फंड पर भी स्लैब के हिसाब से ही कर लगता है, इसलिए कर के बाद रिटर्न पिछले वित्त वर्ष से कम ही रहेगा।

First Published - May 7, 2023 | 8:59 PM IST

संबंधित पोस्ट