सोना हमेशा से “सुरक्षित निवेश” का बादशाह माना जाता रहा है, और 2025 में भी यह अपना रुतबा बरकरार रखने वाला है। अगर दुनिया में आर्थिक संकट और तनाव बढ़ते रहे, तो सोने की कीमतें ₹85,000 से ₹90,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं। फिलहाल, सोना स्पॉट मार्केट में ₹79,350 और एमसीएक्स वायदा बाजार में ₹76,600 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है।
2024: सोने का सुनहरा साल
साल 2024 में सोने ने निवेशकों को मालामाल कर दिया। 23% की तगड़ी बढ़त के साथ यह ₹82,400 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। रूस-यूक्रेन जंग और मिडल ईस्ट के तनाव ने सोने की मांग को आसमान पर पहुंचा दिया।
सोने की कीमतें क्यों बढ़ रहीं हैं?
केंद्रीय बैंकों की सोने पर नजर: भारत समेत कई देशों के केंद्रीय बैंक लगातार सोने की खरीदारी कर रहे हैं। 2024 में 500 टन से ज्यादा सोना खरीदा गया, जिससे कीमतों को ताकत मिली।
नरम ब्याज दरें: दुनिया के बड़े केंद्रीय बैंक, खासकर यूएस फेडरल रिजर्व, ब्याज दरों में नरमी ला रहे हैं। इससे निवेशक सोने की ओर खिंच रहे हैं।
सोने और चांदी का ऐतिहासिक प्रदर्शन
सोना: पिछले 10 सालों में सोने ने औसतन 8% रिटर्न दिया। 2024 में यह 30% से ज्यादा रिटर्न देकर चमक बिखेर रहा है।
चांदी: चांदी ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, खासकर औद्योगिक मांग बढ़ने के कारण।
चांदी सोने से भी ज्यादा चमकी
2024 में चांदी ने सोने को पीछे छोड़ते हुए 42% की बढ़त हासिल की। यह साल की शुरुआत में ₹70,000 प्रति किलोग्राम थी और साल खत्म होते-होते ₹1,00,000 प्रति किलोग्राम का आंकड़ा पार कर गई। चांदी की इस तेजी के पीछे सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल और औद्योगिक मांग जैसे बड़े कारण हैं।
2025 में क्या करें?
श्रीराम एएम के सीनियर फंड मैनेजर दीपक रामराजू के मुताबिक, 2025 में सोने की कीमतों में स्थिरता आ सकती है, लेकिन चांदी औद्योगिक मांग की वजह से मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने आगे कहा, चांदी की कीमतें सप्लाई-साइड दिक्कतों के कारण ऊंची बनी रहेंगी। डॉलर इंडेक्स (DXY) कमजोर होने पर धातुओं में और तेजी आ सकती है।
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, सोने की कीमत ₹86,000 तक जा सकती है। निवेशकों को “डिप पर खरीदारी” करने की सलाह दी गई है। चांदी की कीमत ₹1,11,000 से ₹1,25,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर पैनल्स में बढ़ते इस्तेमाल से इसकी मांग बनी रहेगी।