घाटे में लहसुन किसान, आधी लागत भी नहीं निकल रही

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 3:56 PM IST

मध्य प्रदेश के लहसुन किसान सुनील पाटीदार ने फरवरी-मार्च में नई फसल के समय करीब 60 फीसदी लहसुन इस उम्मीद में नहीं बेचा कि बारिश के महीनों में और आगे  इसके दाम चढेंगे। लेकिन दाम चढने की बजाय घट गए, वह भी इतने कि उत्पादन लागत की आधी भी कीमत नहीं मिल रही है। हालत ये है कि मुख्य उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में किसानों को लहसुन फेंकना तक पड रहा है क्योंकि लहसुन की न्यूनतम कीमत 5 रुपये किलो से भी कम चली गई है।
 
किसानों का ज्यादातर लहसुन 8 से 15 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि उत्पादन लागत 20 से 25 रुपये किलो है। दाम गिरने की वजह ज्यादा उत्पादन मानी जा रही है। लेकिन उत्पादन इतना नहीं बढ़ा है कि लहसुन के दाम घटकर लागत से काफी कम रह जाएं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021-22 में 4.01 लाख हेक्टेयर में 32.77 लाख टन लहसुन पैदा होने का अनुमान है। जबकि वर्ष 2020-21 में 3.92 लाख हेक्टेयर में 31.90 लाख टन लहसुन पैदा हुआ था। जाहिर है लहसुन की पैदावार करीब 3 फीसदी ज्यादा है। आधे से ज्यादा लहसुन मध्य प्रदेश में पैदा होता है।
 

पाटीदार कहते हैं कि उनके खेतों में करीब 100 क्विंटल लहसुन पैदा हुआ था। इसमें से करीब 40 क्विंटल लहसुन नई फसल के दौरान 2,000 रुपये क्विंटल के औसत भाव पर बेच दिया है। बाकी 60 क्विंटल लहसुन आगे नई फसल की आवक का दबाव कम होने और बारिश के महीनों में दाम बढ़ने की उम्मीद में बचा लिया था। बारिश के महीनों और इसके बाद  दाम 50-60 रुपये किलो मिलने की उम्मीद थी। लेकिन इन दिनों मंडियों में बिकने वाले 50-60 फीसदी लहसुन के दाम 8 से 15 रुपये किलो मिल रहे हैं। 30-35 फीसदी लहसुन 4 से 8 रुपये किलो बिक रहा है। 5 से 10 फीसदी लहसुन के दाम ही 40 से 50 रुपये किलो मिल रहे हैं।
 
पाटीदार ने कहा कि एक बीघा में लहसुन की खेती में 30 से 35 हजार खर्च आता है और पैदावार 15 क्विंटल होती है। लहसुन की औसत कीमत 10 रुपये मानने पर भी उत्पादन लागत की आधी कीमत भी किसानों को नहीं मिल रही है। पिछले साल किसानों को 40 से 50 रुपये किलो भाव मिले थे। किसान स्वराज संगठन के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के किसान भगवान मीणा कहते हैं कि लहसुन किसानों को कमजोर गुणवत्ता के इतने कम दाम 5-6 रुपये किलो मिल रहे हैं कि उन्हें लहसुन फेंकने को मजबूर होना पड रहा है।
 
मध्य प्रदेश की नीमच मंडी के लहसुन कारोबारी विजय होडवानी ने बताया कि मंडी में लहसुन 5 से 60 रुपये किलो बिक रहा है। मंडी में ज्यादातर लहसुन 8 से 15 रुपये किलो बिक रहा है। दिल्ली के लहसुन कारोबारी सन्नी कहते हैं कि दिल्ली की मंडियों में इन दिनों 90 फीसदी लहसुन के थोक भाव 10 से 22 रुपये किलो है। लहसुन की अधिकतम कीमत 60 रुपये किलो है। पिछले साल की तुलना में भाव आधे से भी कम है। पिछले साल इन दिनों भाव 25 से 100 रूपये किलो थे। मंडी में आवक मांग से ज्यादा है। 15 से 20 गाड़ी बिना बिका लहसुन रोज रह जाता है।
 
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के पूर्व निदेशक आर पी गुप्ता कहते हैं कि दो साल पहले लहसुन के दाम अप्रत्याशित तौर पर बढकर 100 से 150 रुपये किलो पहुंच गए थे। इतने दाम अब मिलना मुश्किल है। फिर भी इस समय किसानों को काफी कम कीमत मिल रही है, उन्हें औसतन 30 रुपये किलो कीमत तो मिलनी ही चाहिए। 
 

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त महीने में लहसुन की औसत खुदरा कीमत 42 से 120 रुपये किलो रही, जबकि पिछले साल अगस्त में औसत खुदरा कीमत 86 से 157 रुपये किलो थी। 

First Published : September 5, 2022 | 8:37 PM IST