मई में वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 69.35 प्रतिशत बढ़कर 32.27 अरब डॉलर हो गया। पिछले साल की समान अवधि के कम आधार और विदेशी बाजारों में मांग बढऩे के कारण ऐसा हुआ है।
अगर पिछले महीने की तुलना में देखें तो निर्यात में 5.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मई, 2019 की तुुलना में निर्यात 8.1 प्रतिशत बढ़ा है। पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग के सामान और रत्न व आभूषण के निर्यात में तेजी के कारण कुल निर्यात बढ़ा है।
मई महीने में भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का आयात अप्रैल की तुलना में मई में गिरकर 38.55 अरब डॉलर हो गया, जिसकी प्रमुख वजह राज्यों में लॉकडाउन रही। लॉकडाउन की वजह से घरेलू खपत कम हुई है। बहरहाल पिछले साल की तुलना में आयात में 73.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन और ग्राहकों की मांग कम होने के कारण आयात बहुत कम हुआ, जिससे आधार कम था।
इसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटा 8 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया और यह 6.28 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल में 15.1 अरब डॉलर और मई, 2019 में 16.84 अरब डॉलर था।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘राज्य स्तर पर प्रतिबंध बढऩे की वजह से कच्चे तेल और सोने का आयात कम हुआ है, जिसकी वजह से व्यापार घाटा कम होकर मई, 2021 में 8 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। फरवरी-अप्रैल, 2021 में भारी भंडारण और लॉकडाउन के कारण खुदरा मांग में कमी की वजह से सोने के आयात में तेज कमी आई है।’
अप्रैल-मई महीने में कोरोनावायरस की दूसरी लहर को थामने के लिए राज्यों में कारोबार पर प्रतिबंध के चलते कुछ व्यवधान पढ़ा लेकिन कुल मिलाकर विदेशी मांग तेज होने के कारण निर्यात अप्रभावित रहा।
वैश्विक कारोबार की बहाली को देखते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस महीने की शुरुात में निर्यातकों के लिए बढ़े हुए और लक्षित समर्थन की वकालत की थी।
बहरहाल वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत का सेवाओं व वाणिज्यिक वस्तुओं का कुल मिलाकर निर्यात मई में 56.94 प्रतिशत बढ़कर 98.29 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
इंजीनियरिंग ऐंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया (ईईपीसी) के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि विदेश में माल भेजने की रफ्तार पिछले कुछ महीनों में बेहतर रही है और चालू वित्त वर्ष में परिदृश्य बेहतर नजर आ रहा है, लेकिन कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी, खासकर स्टील में तेजी चिंता का विषय है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा, ‘मई, 2020 में निर्यात में वृद्धि से हमारे आकलन की पुष्टि होती है कि निर्यातकों की ऑर्डर बुकिंग न सिर्फ बहुत बेहतर स्थिति में है, बल्कि वैश्विक बाजार धीरे धीरे खुल रहे हैं और स्थिति में धीरे धीरे सुधर रही है, जिससे आगे निर्यात को और बल मिलने की संभावना है।’