Cumin price: जीरे की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। जीरे के भाव फिर से 60 हजार रुपये पार कर गए हैं। जानकारों के मुताबिक इस तेजी की वजह निचले भाव पर मांग बढ़ने को माना रहा है। त्योहारी मांग को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने जीरे की खरीद बढ़ा दी है। इससे जीरे की कीमतों में तेजी को बल मिला है।
पिछले एक सप्ताह से जीरे के वायदा भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। कमोडिटी एक्सचेंज National Commodity & Derivatives Exchange Limited (NCDEX) पर 29 अगस्त को जीरे का अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट 54,720 रुपये के भाव पर बंद हुआ था, आज इसने खबर लिखे जाने के समय 62,500 रुपये के भाव पर दिन का उच्च स्तर छू लिया। 29 अगस्त को 53,495 रुपये के भाव बंद होने वाले सितंबर कॉन्ट्रैक्ट ने आज 61,110 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर दिन का ऊपरी स्तर छू लिया। इस तरह बीते एक सप्ताह के दौरान जीरे के वायदा 14 फीसदी बढ़ चुके हैं।
बीते कुछ दिनों में जीरा के वायदा भाव तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में इस तेजी को नियंत्रित करने के लिए NCDEX ने 2.5 फीसदी की दर से Event based Additional Surveillance Margin (E-ASM) लगा दिया है। यह अतिरिक्त मार्जिन सभी चालू कॉन्ट्रैक्ट और आगे लॉन्च होने वाले कॉन्ट्रैक्ट पर 26 सितंबर तक प्रभावी होगा। यह मार्जिन 5 दिन में भाव 10 फीसदी बढ़ने और 10 दिन में 15 फीसदी बढ़ने पर लग जाएगा।
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जीरे की कीमतों में तेजी की वजह घरेलू मांग बढ़ना है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि उत्पादन काफी कम होने से घरेलू बाजार में जीरे की आपूर्ति पहले से ही कमजोर है। बीते दिनों मुनाफावसूली से जीरे के भाव काफी गिर गए थे। इसके बाद निचले भाव पर स्टॉकिस्टों ने त्योहारी सीजन की मांग को देखते हुए खरीद बढ़ाई है। जिससे जीरे के भाव बढ़े।
चूंकि वैश्विक बाजार में सीरिया, तुर्की व ईरान की तरफ से जीरे की आपूर्ति बढ़ी है। इसलिए ऊंचे भाव पर भारतीय जीरे की निर्यात मांग कमजोर रह सकती है। ऐसे में आगे जीरे की कीमतों में अब बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। smc global securities ltd की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक आगे जीरे के भाव निर्यात मांग पर निर्भर करेंगे। हालांकि मौजूदा भाव पर भारतीय जीरा निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं है।