इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) कच्चे तेल की खरीद के स्रोतों में निरंतर विविधता लाने के लिए शीघ्र ही गुयाना से कच्चे तेल की एक खेप खरीद सकती है। मामले के जानकार मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक यह सौदा प्रतिस्पर्धी कीमतों पर है और भारतीय रिफाइनरों के लिए कच्चे तेल के विविध स्रोतों की रणनीति के अनुकूल है।
अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘अब हम पश्चिमी एशियााई कच्चे तेल ग्रेड से दबाव में नहीं रहने जा रहे हैं। हमारी रिफाइनरियां आज करीब 200 ग्रेडों के कच्चे तेल को संसाधित कर सकती हैं और इसके साथ ही वैश्विक निर्यात मूल्य शृंखलाओं में सुधार होगा। हम पहले से अधिक स्रोतों तक पहुंचने की स्थिति में हैं। यह दृष्टिकोण अकारण कीमत वृद्घि या कच्चे तेल पर प्रीमियम बढ़ाने जैसी संभावना को समाप्त करने में भी सहायक होगा।’
भारत ने हाल ही में कच्चे तेल की खरीद वाले क्षेत्रों में विविधता लाने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है। सरकार की ओर से ये कदम सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुलअजीज बिन सलमान द्वारा उत्पादन में कटौती को रोकने के भारत के सुझाव को नकारने और उसके परिणामस्वरूप मार्च 2021 में कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने के बाद उठाए जा रहे हैं।
इसके बारे में प्रतिक्रिया देते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत को सऊदी अरब के इस रुख से झटका लगा था। लेकिन उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों के संगठन (ओपेक) समूह का विकल्प तलाश रहा था। उन्होंने रूस और कजाकस्तान को लेकर बात की जो तेल उत्पादन बढ़ा रहे हैं। आईओसीएल द्वारा गुयाना से कच्चे तेल की खरीद भारतीय रिफाइनर द्वारा इस प्रकार की दूसरी खरीद होगी। इस प्रकार की पहली खरीद एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी (एचएमईएल) की खरीद थी जिसके तहत गुयाना के लीजा लाइट स्वीट क्रूड का 10 लाख बैरल कार्गो खरीदा गया था। तेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘गुयाना बड़ा तेल उत्पाद बनने की राह पर है। यह बहुत छोटा देश है जहां भारतीय मूल के लोगों की अच्छी खासी आबादी है। वहां पर तेल का बड़ा भंडार मिलने से उस देश का भाग्य बदलने जा रहा है।’
भारत हर साल 165.658 करोड़ बैरल (मोटे तौर पर 22.6 करोड़ टन) कच्चे तेल का आयात करता है।