निजी कंपनियों के वाणिज्यिक खनन एवं बिक्री के लिए कोयला खदानों का आवंटन निरंतर चलने वाली नीलामी के जरिये होगा। केंद्र ने वाणिज्यिक कोयला नीलामी का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। नवंबर, 2020 में पहले चरण में 19 खदानों का आवंटन किया गया था।
दूसरे चरण की शुरुआत के मौके पर केंद्रीय कोयला एवं खदान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, ‘हम अहम तकनीकी ब्योरों के साथ खदानों की व्यापक सूची अपलोड करेंगे और बोलीदाता नीलामी के अगले चरण में शामिल की जाने वाली खदानों के लिए अपनी तरजीह सौंप सकते हैं। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया होगी, जिससे नीलामी प्रक्रिया में तेजी आएगी। इसके अलावा यह बोलीदाताओं को बेहतर योजना में मदद देगी और व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाएगी।’
आगामी नीलामी में 67 कोयला खंडों की पेशकश की जाएगी। इनमें से छह कोकिंग कोल और शेष नॉन-कोकिंग (ताप विद्युत संंयंत्रों में इस्तेमाल) के खंड हैं। ये कोयला खंड मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में स्थित हैं। इन कोयला खंडों में 37 खदान ऐसी हैं, जिनमें तुरंत उत्पादन शुरू किया जा सकता है। जोशी ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन से नया निवेश आएगा, बड़ी तादाद में रोजगार के मौके पैदा होंगे और कोयले के भंडार वाले राज्यों में सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। बाजार आधारित कोयला अर्थव्यवस्था से देश को कोयले में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।