प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
फ्लिपकार्ट और एमेजॉन सहित तमाम बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों ने त्योहारों का दौर शुरू होने से पहले बदली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था का फायदा उठाने के लिए तकनीकी तैयारी पूरी कर ली है। दरें बदलने से इस साल त्योहारी बिक्री 27 फीसदी बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
ई-कॉमर्स कंपनियों को त्योहारों में जमकर खरीदारी होने की उम्मीद है। इसीलिए उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म अपडेट कर लिए हैं और हजारों विक्रेताओं को 22 सितंबर से लागू होने वाले नए कर कोड के बारे में प्रशिक्षित किया है।
एक प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बैकएंड सॉल्यूशन तैयार करने, विक्रेताओं को बदले जीएसटी कोड की जानकारी देने और नई कर व्यवस्था के हिसाब से ढलने में प्रौद्योगिकी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’अधिकारी ने कहा, ‘हमारे विक्रेताओं के लिए नियमों का पालन करना और सुगमता के साथ कारोबार करना बहुत आसान हो गया है। त्योहारी सीजन नजदीक आने के कारण हमें जबरदस्त मांग और खपत में तेज इजाफे की उम्मीद है।’
जीएसटी व्यवस्था में आए बदलाव से त्योहारों में बिक्री और तेज होने की उम्मीद है क्योंकि जब खरीदारी चरम पर होगी तो कर में बचत का फायदा उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। इससे बिक्री में 15-20 फीसदी इजाफा अलग से होने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘खर्च में बढ़ोतरी हुई तो उपभोक्ताओं को अच्छी खासी बचत भी होगी।’
नई जीएसटी व्यवस्था में कई दरें हटाकर केवल 5 फीसदी और 18 फीसदी दरों के स्लैब छोड़े गए हैं। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी दर में जो अंतर आया है, उससे खरीदार कुल मिलाकर 10 फीसदी तक बचत कर सकते हैं। त्योहारी बिक्री के दौरान यह आंकड़ा करीब 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। टीवी, एसी और घरेलू उपकरण जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण एवं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर खास तौर पर बचत होगी।
करों में सुधार बहुत अहम समय पर किया गया है और त्योहारों से ऐन पहले इसके लागू होने से ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री की रफ्तार काफी बढ़ सकती है। कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों ने 22 सितंबर से पहले ही सेल शुरू कर दी हैं ताकि मौजूदा माल को खपाया जा सके।
एक अन्य ई-कॉमर्स कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बाजार में होड़ में बने रहने के लिए विक्रेताओं को उत्पादों की कीमतें कम करनी पड़ सकती हैं। बड़े विक्रेता आराम से ऐसा कर लेंगे मगर छोटे विक्रेता ऐसा करने से मना कर सकते हैं।’
अनुसंधान फर्म डेटम इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार 2025 में त्योहारी बिक्री 27 फीसदी बढ़कर करीब 1,20,000 करोड़ रुपये हो सकती है। डेटम के संस्थापक सतीश मीणा ने कहा, ‘हमें इस साल त्योहारी बिक्री में जबरदस्त वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसमें कुछ हद तक जीएसटी दर परिवर्तन का भी योगदान होगा। पिछले साल वृद्धि कुछ कम रही थी मगर हमें लगता है कि इस बार स्मार्टफोन एवं टेलीविजन की मांग सबसे ज्यादा रहेगी।’ विभिन्न आयु वर्ग और क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के रुझानों को देखते हुए फ्लिपकार्ट को लैपटॉप एवं डेस्कटॉप से लेकर गेमिंग कंसोल, डिजिटल कैमरा, स्मार्ट वियरेबल्स, स्मार्ट होम सॉल्यूशंस और दोपहिया वाहनों में दमदार वृद्धि की उम्मीद है। फ्लिपकार्ट के उपाध्यक्ष (इलेक्ट्रॉनिक्स) सुजीत अगाशे ने कहा, ‘त्योहारी सीजन करीब आने के साथ हम सभी स्तरों और उपभोक्ता समूहों में बदलाव देख रहे हैं। छोटे शहरों के छात्रों से लेकर मझोले शहरों के क्रिएटर्स एवं महानगरों के परिवारों तक से उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग बढ़ रही है।’
डेटम की रिपोर्ट बताती है कि पिछले तीन साल में पहली बार शहरी भारत में उपभोक्ताओं का हौसला बुलंद रहा है। जुलाई 2025 में 37.6 फीसदी उपभोक्ताओं ने गैर-जरूरी खर्च बढ़ाया है। ग्रामीण भारत में जुलाई 2025 के दौरान गैर-जरूरी खर्च बढ़कर 54.7 फीसदी हो गया जो पिछले दो वर्षों में सबसे अधिक है। इससे उपभोग में दमदार सुधार का संकेत मिलता है।