नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की | फाइल फोटो
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की हिंसाग्रस्त में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगी। प्रमुख राजनीतिक दलों और विरोध प्रदर्शन करने वाले समूहों के बीच बनी आम सहमति के बाद नेपाली राष्ट्रपति कार्यालय ने शुक्रवार को उनके नाम का ऐलान किया। इसके बाद कार्की ने शुक्रवार रात को ही पद की पद की शपथ ली। इसी के साथ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद से चली आ रही राजनीतिक अनिश्चितता समाप्त हो गई है। इसी सप्ताह के शुरू में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जेन-जी के व्यापक हिंसक आंदोलन के कारण ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के लिए व्यापक रूप से सम्मान हासिल करने वाली 73 वर्षीय कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचेंगी। राष्ट्रपति रन चंद्र पौडेल, नेपाल के शीर्ष सैन्य अधिकारियों और जेन जी प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की बैठक के बाद कार्की को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। राष्ट्रपति के प्रेस सलाहकार किरण पोखरेल ने कहा कि अंतरिम प्रधानमंत्री के समक्ष नेपाल में तत्काल कानून और व्यवस्था बहाल करने की बड़ी चुनौती होगी।
जेन जी समूहों के बीच विचार-विमर्श के दौरान अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए सबसे बेहतर विकल्प के तौर पर उभरीं न्यायविद कार्की का जन्म 7 जून, 1952 को पूर्वी नेपाल के बिराटनगर में शंकरपुर-3 में हुआ। उन्होंने 1971 में नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय के महेंद्र मोरंग परिसर से स्नातक किया। इसके बाद 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि ली। उन्होंने 1978 में कानून की डिग्री ली और 32 साल न्यायिक पेशे में बिताए।
नेपाल पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि इस सप्ताह के हिंसक विरोध में एक भारतीय महिला सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई है। यह महिला दिल्ली से सटे गाजियाबाद की रहने वाली थी, जो पति के साथ पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन के लिए गई थी। सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पूरे नेपाल में लगभग दो दर्जन होटल में तोड़फोड़, लूटपाट या आगजनी की घटनाएं दर्ज की गईं। इससे होटल उद्योग को 25 अरब रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।
हिंसक प्रदर्शनों के बीच जेलों से कथित तौर पर फरार कैदियों को भारतीय सीमा में घुसने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर तैनात सशस्त्र सीमा बल और पुलिस बल ने निगरानी बढ़ा दी है। नेपाल की सीमा उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों से लगती है। बलरामपुर के एसपी विकास कुमार ने बताया कि एसएसबी और पुलिस के अतिरिक्त 400 पीएससी जवानों को तैनात किया गया है।