विदेश सचिव विक्रम मिस्री | फाइल फोटो
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों और यूरोपीय संघ परिषद की राजनीतिक एवं सुरक्षा समिति (पीएससी) के सदस्यों के बीच बैठक हुई। इसमें दोनों पक्षों ने एफटीएम समेत भारत-यूरोपीय संघ सुरक्षा एवं रक्षा भागीदारी तथा सूचना सुरक्षा समझौते को जल्द अंतिम रूप देने पर प्रतिबद्धता दोहराई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के नेतृत्व में हुई इस बैठक के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ रक्षा उद्योग एवं विनिर्माण क्षेत्र में बेहतर आपसी सहयोग विकसित करना चाह रहे हैं। दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर भी चर्चा की। इसके लिए संबंधित वार्ताकार टीमों को साल के अंत तक समझौते को अंतिम रूप देने का काम सौंपा गया है। बैठक के दौरान विशेष रूप से सुरक्षा एवं रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत-यूरोपीय संघ सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया। भारत की दो दिवसीय कामकाजी यात्रा पर आए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने रक्षा सचिव से भी मुलाकात की। उन्हें सूचना संलयन केंद्र- हिंद महासागर क्षेत्र (आईएफसी-आईओआर) के बारे में जानकारी दी गई। पीएससी सदस्यों ने भारतीय रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोपीय संघ पीएससी की यह यात्रा इस साल फरवरी में भारत में यूरोपीय संघ कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की ऐतिहासिक यात्रा के बाद संबंधों में आई गतिशीलता पर आधारित है। यह एक गहरी भारत-यूरोपीय संघ सामरिक साझेदारी के प्रति दोनों ओर की गंभीर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
पीएससी का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एशिया की अपनी पहली यात्रा पर आया है। इसका नेतृत्व समिति की अध्यक्ष डेल्फिन प्रोन्क कर रही हैं। इसमें यूरोपीय आयोग और यूरोपीय बाहरी कार्रवाई सेवा के अधिकारियों के साथ यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के पीएससी राजदूत भी शामिल हैं।