भारत आटा और भारत दाल के बाद सरकार अब भारत ब्रांड के तहत डिस्काउंट रेट पर चावल भी बेचने जा रही है। बढ़ती खाद्य महंगाई को देखते हुए सरकार FCI के चावल को 25 रुपये प्रति किलो पर बेचने का प्लान बना रही है।
पिछले कुछ महीनों में सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से की गई ई-नीलामी के माध्यम से ओपन मार्केट में बिक्री बढ़ाकर गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में सफल रही है। हालांकि, इस दौरान चावल की कीमतों में तेजी नहीं थमी है।
नवंबर में खाद्यान्न की कीमतों में 10.27 फीसदी का इजाफा देखने को मिला, और इसकी वजह से नवंबर में खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) बढ़कर 8.70 प्रतिशत पर पहुंच गई। अक्टूबर में यह 6.61 प्रतिशत थी।
चावल की महंगाई दर सालाना आधार पर (YoY) 13 फीसदी पर है और सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले प्रमुख खाद्य कीमतों को लेकर चिंतित है।
बता दें कि ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत इस समय 29 रुपये प्रति किलो के रेट से चावल मिलता है। आने वाले समय में सरकार क्या इसमें बदलाव करेगी या नहीं, इसपर फैसला आना बाकी है। हालांकि इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार यह रेट 25 रुपये प्रति किलो कर सकती है।
सरकार पहले से ही भारत ब्रांड के तहत गेहूं का आटा और दालें भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED), राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और केंद्रीय भंडार द्वारा प्रबंधित दुकानों के माध्यम से बेच रही है और आगे भी इन्हीं के जरिये सरकार खाद्यान्न उपलब्ध कराएगी ।
FCI इस साल अब तक OMSS के तहत केवल 3.04 लाख टन चावल ही बेच पाई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, गेहूं के मामले में, नोडल एजेंसी ने OMSS के तहत 82.89 लाख टन गेहूं बेचा है।