आयात जोखिम विशेषज्ञों की सिफारिशों के बाद ऑस्ट्रेलिया ने आज घोषणा की है कि साल 2009 के सीजन से यह भारतीय आमों के आयात की अनुमति देगा।
भारतीय आमों के आयात की अनुमति ऑस्ट्रेलिया के कार्याकारी उच्चायुक्त डेविड होली द्वारा यहां घोषित किए गए निश्चित क्वारंटाइन परिस्थितियों के पूर्ण करने के अधीन है। होली ने कहा कि फ्रेश आमों के लिए ऑस्ट्रेलिया के अंतिम आयात जोखिम विश्लेषण रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि भारतीय आमों के आयात की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘यह आयात जोखिम विश्लेषण की अंतिम प्रक्रिया है। इससे अगले सीजन के दौरान भारत को आमों का निर्यात करने का मार्ग प्रशस्त होता है।’ इससे पहले अमेरिका ने भी भारतीय आमों पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया था।
आमों के निर्यात की विस्तृत योजना विकसित करने के लिए के लिए भारत ऑस्ट्रेलिया से मशविरा करेगा। इस कार्य योजना के तहत ऑस्ट्रेलिया के क्वारंटाइन जरूरतों के साथ-साथ भारत के आमों के रख-रखाव और उसे चमकाने की विधियों के बारे में भी बातचीत की जाएगी। भारत के प्रस्ताव के बाद ऑस्ट्रेलिया ने फ्रेश आम के बायात जोखिम विश्लेषण को क्रियान्वित किया है।
क्वारंटाइन के निदेशक ने आमों के आयात की क्वारंटाइन पॉलिसी तय की है। होली ने कहा, ‘दोनों देशों के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में होने से बेमौसम कारोबार की अच्छी संभावना है। ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों ही अच्छी गुणवत्ता वाले फलों का उत्पादन करते हैं लेकिन साल के अलग-अलग समय में।’ भारत में प्रति वर्ष लगभग 130 लाख टन आमों का उत्पादन होता है जो कुल वैश्विक आपूर्ति के आधे से अधिक है। हालांकि, भारत अपने आमों के कुल उत्पादन का केवल एक प्रतिशत निर्यात करता है।