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असम चावल अनुसंधान संस्थान विकसित कर रहा उच्च उपज देने वाला सुगंधित ‘जोहा’

जोहा चावल में कम जीआई, उच्च आहार फाइबर, उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री और उच्च फेनोलिक यौगिक है। इन्हें जोड़ने के लिए, इस किस्म में चावल अधिक निकलता है और इसे पकाना आसान होता है।”

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भाषा   
Last Updated- November 19, 2023 | 4:16 PM IST

अपना शताब्दी वर्ष मना रहा एक चावल अनुसंधान संस्थान असम के प्रसिद्ध सुगंधित जोहा का एक उच्च उपज देने वाला प्रीमियम गुणवत्ता वाला संस्करण विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। संस्थान द्वारा विकसित चावल की किस्मों में मधुमेह रोगियों के अनुकूल बैंगनी चावल की किस्म भी शामिल है।

जोरहाट से लगभग 20 किमी दूर असम चावल अनुसंधान संस्थान (एआरआरआई) की शुरुआत 1923 में राज्य की ब्रह्मपुत्र घाटी के किसानों की समस्याओं को पूरा करने के लिए एक चावल प्रायोगिक स्टेशन के रूप में हुई थी।

संस्थान ने अपनी स्थापना के बाद से राज्य में चावल के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्थान 1969 में चावल अनुसंधान स्टेशन के रूप में असम कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया।

इस साल 27 जनवरी को इसका नाम असम कृषि विश्वविद्यालय-असम चावल अनुसंधान संस्थान (एएयू-एआरआरआई) रख दिया गया। एएयू-एआरआरआई के मुख्य वैज्ञानिक संजय कुमार चेतिया ने कहा कि संस्थान अब जरूरत आधारित कृषि पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

चेतिया ने कहा, “यही कारण है कि एआरआरआई अब बाजार सर्वेक्षण करता है, किसानों, खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, मिल मालिकों और कंपनियों जैसे हितधारकों को जानकारी के लिए आमंत्रित करता है कि उसे किस पहलू पर अपने शोध पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

एआरआरआई ने 2022 में उच्च उपज देने वाली बैंगनी चावल की किस्म लाबान्या को विकसित और लोकप्रिय बनाया।

उन्होंने कहा, “ऐसे कई पोषण गुण हैं जो लबन्या को मधुमेह के अनुकूल बनाते हैं। इसमें कम जीआई, उच्च आहार फाइबर, उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री और उच्च फेनोलिक यौगिक है। इन्हें जोड़ने के लिए, इस किस्म में चावल अधिक निकलता है और इसे पकाना आसान होता है।”

हालांकि, उन्होंने कहा कि मधुमेह के अनुकूल चावल की किस्में कम उपज के कारण किसानों के बीच उतनी लोकप्रिय नहीं हैं।

First Published : November 19, 2023 | 4:16 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)