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शीरे पर लागू हुआ 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क, एथनॉल मिश्रण के लिए पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना सरकार का मकसद

कम उत्पादन के कारण इस साल गन्ने के शीरे की घरेलू आपूर्ति कम रहने की आशंका है।

Last Updated- January 16, 2024 | 10:09 PM IST
Sugar mills are giving attractive offers to farmers and workers demand increase in wages
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सरकार ने 18 जनवरी से शीरे पर 50 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने का फैसला किया है। इसका मकसद एथनॉल मिश्रण के लिए पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना है। वहीं ट्रेडर्स ने कहा कि सरकार ने आयातित खाद्य तेल (कच्चे और रिफाइंड) पर कम शुल्क की अवधि मार्च 2025 तक बढ़ाने का भी फैसला किया है। खाद्य तेल पर मौजूदा आयात शुल्क (कच्चे व रिफाइंड) मार्च 2025 तक जारी रहेगा। कम शुल्क की अवधि मार्च 2024 में खत्म हो रही थी।

इस समय कच्चे खाद्य तेल (सोया, सूरजमुखी और पामतेल) पर बुनियादी सीमा शुल्क शून्य है, जबकि रिफाइंड तेल पर 12.5 प्रतिशत है। कृषि एवं सामाजिक कल्याण उपकर दोनों पर एकसमान लगता है। दोनों मिलाकर कच्चे तेल पर प्रभावी आयात शुल्क 5.5 प्रतिशत और रिफाइंड तेल पर 13.75 प्रतिशत है।

एक साल और सस्ते आयात से महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलेगी, लेकिन इससे घरेलू तिलहन उत्पादकों पर बुरा असर पड़ सकता है। इस रबी सीजन में तिलहन किसान रिकॉर्ड उत्पादन करने वाले हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में नवंबर 2023 तक 10.13 करोड़ डॉलर के शीरे का निर्यात किया है, जो पिछले साल की समान अवधि में किए गए निर्यात की तुलना में 37.23 प्रतिशत कम है।

बाजार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीनी सत्र 2022-23 (अक्टूबर से सितंबर) में 4.5 लाख टन शीरे का निर्यात महाराष्ट्र से किया गया। कर्नाटक से 1.75 लाख टन, गुजरात से 1.3 लाख टन निर्यात हुआ है। कुल मिलाकर 2022-23 सीजन में भारत से 7.75 लाख टन शीरे का निर्यात किया गया है।

इंडिया शुगर ऐंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि हर साल करीब 15 से 16 लाख टन शीरे का निर्यात होता है, जो कुल उत्पादित शीरे का करीब 10 प्रतिशत है।

बाजार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि चालू 2023-24 चीनी सत्र में महाराष्ट्र ने 2.5 लाख टन शीरे के निर्यात का लाइसेंस जारी किया है, जिसे 7.5 लाख टन तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं कर्नाटक ने 50,000 टन निर्यात के लिए लाइसेंस जारी किया है, जिसे 2 लाख टन तक बढ़ाया जा सकता है। गुजरात ने 1.15 लाख टन के लिए लाइसेंस जारी किया है, जिसे 3 लाख टन तक बढ़ाया जा सकता है।

कम उत्पादन के कारण इस साल गन्ने के शीरे की घरेलू आपूर्ति कम रहने की आशंका है।

First Published - January 16, 2024 | 10:09 PM IST

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