31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में भारत के कॉफी निर्यात में 11.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और यह 2.24 लाख टन के स्तर तक उतर आया है।
कॉफी बोर्ड के सीनियर अफसर ने बताया कि निर्यात में गिरावट कम सप्लाई की वजह से हुई है। बोर्ड ने हालांकि इस दौरान 2007-08 के लिए तय किए गए निर्यात लक्ष्य 2.10 लाख टन को पूरा कर लिया।
कॉफी बोर्ड के चेयरमैन जी. वी. कृष्णा राव ने बताया कि कॉफी की कम उपलब्धता ने निर्यात को प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके हमने अपने लक्ष्य से 6.66 फीसदी ज्यादा कॉफी का निर्यात किया। उन्होंने कहा कि 2007-08 के लिए 2.10 लाख टन कॉफी निर्यात का लक्ष्य रखा गया था जबकि पिछले साल हमने 2.20 लाख टन कॉफी का निर्यात किया था।
पिछले साल के मुकाबले कम निर्यात का लक्ष्य इसकी पैदावार के कमी के अनुमान के बाद तय किया गया था। उन्होंने कहा कि असमय बारिश की वजह से इस साल कॉफी की पैदावार का लक्ष्य 2.62 लाख टन का रखा गया था।
बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, रोबस्टा कॉफी के निर्यात में 21.77 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 1.08 लाख टन केस्तर पर आ गया जबकि अरेबिका कॉफी के निर्यात में 8.04 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 46685 टन पर आ गया। आंकड़ों के मुताबिक, इंस्टेंट कॉफी का निर्यात पिछले साल के 64984 टन के मुकाबले 69247 टन केस्तर पर पहुंच गया।
भारत से सबसे ज्यादा कॉफी का निर्यात इटली को हुआ और इसके बाद रूस, जर्मनी और बेल्जियम को। इटली को 16 हजार टन कॉफी भेजी गई जबकि रूस को 7493 टन और जर्मनी को 5865 टन माल भेजा गया। अगर निर्यात मूल्य की बात की जाए को यह कुल 2095 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय के साथ-साथ घरेलू बाजार में कॉफी की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है। न्यूयॉर्क के इंटरनैशनल कॉफी एक्सचेंज में अरेबिका की कीमत प्रति 450 ग्राम 130 सेंट के स्तर पर आ गया जबकि पहले यह 160 सेंट पर था।