अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे प्रणब मुखर्जी ने शुल्क दरों और करों में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया है।
हालांकि अप्रैल-मई में होनेवाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने यह वादा किया है कि चुनाव के बाद अगर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनती है, तो करों की दरों में कमी की जाएगी।
मालूम हो कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को जब गृह मंत्रालय सौंपने के बाद, वित्त मंत्रालय का कार्यभार प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जिम्मे था। लेकिन बाइपास सर्जरी की वजह से प्रधानमंत्री छुट्टी पर हैं और वित्त मंत्रालय का कार्यभार विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ही देख रहे हैं।
वर्ष 2008-09 के लिए कर वसूली का संशोधित आकलन 627,949 करोड़ रुपये है, जबकि बजटीय अनुमान 687,715 करोड़ रुपये था। मुखर्जी करों में कोई भी रियायत देने से बचे, क्योंकि यह चुनावों से कुछ महीने पहले पेश किया गया अंतरिम बजट था।
मुखर्जी ने हालांकि अपने भाषण में संकेत दिया कि चुनाव बाद यदि सरकार सत्ता में वापस आई,तो करों की दरें कम की जाएंगी और उसका आधार बढ़ाया जाएगा।
