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ऐतिहासिक होगा बजट, नई सरकार में और तेज होगी सुधारों की गति: राष्ट्रपति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब 2 या 3 जुलाई को देंगे। विशेष सत्र 3 जुलाई को समाप्त हो जाएगा।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- June 27, 2024 | 10:27 PM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहला बजट होगा और इसमें आर्थिक तथा सामाजिक मोर्चे पर बड़े फैसले लिए जाएंगे।

लोक सभा और राज्य सभा की संयुक्त बैठक को संबो​धित करते हुए मुर्मू ने कहा कि सरकार सुधारों की प्रक्रिया को और तेज करेगी। बजट इस सरकार की नीतियों और भविष्य के दृ​ष्टिकोण के लिहाज से ब​हुत ही प्रभावी दस्तावेज होगा।

राष्ट्रपति ने अपने अ​भिभाषण में कहा कि विश्व भर के निवेशकों को आक​र्षित करने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के बीच स्वस्थ होड़ शुरू होने की उम्मीद करती है। सरकार को भरोसा है कि देश का विकास तभी होगा जब राज्यों के विकास को गति मिलेगी।

मुर्मू के 51 मिनट के भाषण में सुधारों का जिक्र 16 बार आया। इससे पहले 19 जून 2019 को नई सरकार बनने के बाद पहले अ​भिभाषण में तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने चार बार सुधार शब्द बोला था। उनसे पहले नई सरकार के सत्ता में आने के बाद 9 जून 2014 को संसद को संबो​धित करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मु​खर्जी ने भी अपने अभिभाषण में चार बार सुधारों की बात कही थी। उस साल नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे।

संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार आम चुनाव के बाद केंद्र में नई सरकार बनने पर पहला सत्र शुरू होने से पहले दोनों सदनों में राष्ट्रपति का संबोधन होता है। राष्ट्र​पति का अ​भिभाषण सरकार की नीतियों का दस्तावेज होता है और इसे सरकार ही लिखती है।

अपने अ​भिभाषण में राष्ट्रपति मुर्मू विवादित मुद्दों पर भी खुल कर बोलीं। हाल ही में कुछ परीक्षाओं के पर्चे लीक होने की बात पर मुर्मू ने कहा कि इन मामलों में सरकार निष्पक्ष जांच कराएगी और दो​षियों को कड़ी सजा मिलेगी। इससे पहले भी हमने वि​भिन्न राज्यों में पेपर लीक के मामले सुने हैं। यह बहुत जरूरी है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए हम दलगत राजनीति से ऊपर उठें और राष्ट्रीय स्तर पर ठोस उपाय करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार परीक्षा संबंधी संस्थाओं, उनकी कार्यप्रणाली एवं पूरी परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए कुछ बड़े कदम उठाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में नकल रोकने के लिए सरकार ने कड़ा कानून बनाया है।

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम शुरू कर दिया है। इससे उन कई परिवारों को सम्मान से जीने का मौका मिलेगा, जिन्होंने बंटवारे के दौरान संकटों का सामना किया।

मुर्मू ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ विघटनकारी ताकतें प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर हमारे लोकतंत्र को कमजोर करने एवं भारतीय समाज को बांटने की साजिश रच रही हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए नए तरीके खोजने और संसाधन जुटाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा, ‘ये विघटनकारी ताकतें देश के भीतर भी मौजूद हैं और बाहर से भी काम कर रही हैं। ऐसे लोग अफवाहें फैलाने, लोगों को भ्रम में डालने और झूठी सूचनाएं फैलाने के लिए पूरी ताकत से जुटे हैं। इन्हें ऐसा करते रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’

राष्ट्रपति के अभिभाषण का मुख्य बिंदु था कि पिछले दस वर्षों में किस प्रकार सरकार के मंत्र रिफॉर्म, परफॉर्म ऐंड ट्रांसफॉर्म ने भारत को विश्व की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाया। उन्होंने कहा कि भारत ने 2021 से 2024 के बीच 8 प्रतिशत सालाना की दर से वृद्धि की, जबकि उस समय कोविड महामारी जैसी भीषण समस्याएं सामने थीं।

उन्होंने कहा कि अब वैश्विक वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत है और यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राजग लगातार तीसरी बार सत्ता में आया है। पिछले छह दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है और चुनाव नतीजे इस बात का प्रमाण हैं कि मजबूत एवं निर्णायक सरकार के साथ-साथ सुशासन, स्थायित्व और निरंतरता में लोगों का भरोसा है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में सुधार के कई कदम उठाए गए, जिनका विरोध हुआ मगर समय की कसौटी पर वे खरे उतरे। उन्होंने बैंकिंग सुधारों का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने कहा कि इन सुधारों से भारतीय बैंकिंग विश्व के सबसे मजबूत बैंकिंग क्षेत्रों में शुमार हो गई। सरकार ने सार्वजनिक हिस्सेदारी वाले बैंकों को मजबूत किया और उनकी गैर-निष्पादित संपत्तियों को कम किया। जीएसटी संग्रह 2 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है। सरकार ने विनिर्माण, सेवा और कृषि जैसे क्षेत्रों को भी बराबर तवज्जो दी है। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए।

राष्ट्रपति ने बदलती वैश्विक परिस्थितियों में विश्व बंधु के रूप में भारत की भूमिका के महत्त्व, इसके ग्लोबल साउथ की मजबूत आवाज बनने और भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारे को मूर्त रूप देने के लक्ष्य की योर भी ध्यान दिलाया।

सरकार के कुछ फैसलों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना का विस्तार होगा तथा गांवों-कस्बों में रहने वाले रेहड़ी-पटरी वालों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। इसके अलावा अब 70 साल से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों का इलाज भी आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त होगा।

हाल ही में संपन्न लोक सभा चुनावों में देश का संविधान एक प्रमुख प्रतीक के रूप में उभरा था। राष्ट्रपति ने गणतंत्र के रूप में भारत के 75 सालों के इतिहास में संविधान की महत्ता पर बात करते हुए कहा कि सरकार इसे आम लोगों में जागरूकता का हिस्सा बनाने के लिए प्रयास कर रही है। इसी के साथ उन्होंने आपातकाल की कड़ी आलोचना करते हुए इसे संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताया और कहा कि आपातकाल इसका सबसे अंधकारपूर्ण अध्याय है।

राष्ट्रपति ने विकसित भारत के चार स्तंभों – गरीब, युवा, महिलाएं और किसानों के कल्याण के उठाए गए कदमों का विस्तार से बखान करते हुए कहा, ‘सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता इन्हीं चार वर्गों का विकास है। सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। छोटे किसानों की सबसे बड़ी समस्या भंडारण सुविधाएं हैं। इसलिए मेरी सरकार सहकारी क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण क्षमताएं स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है।’

अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार माल की ढुलाई और आवाजाही सस्ती करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। आने वाला समय हरित युग होगा और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार हरित उद्योगों में निवेश बढ़ा रही है। इससे इस क्षेत्र में बहुत अधिक रोजगार आएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब 2 या 3 जुलाई को देंगे। विशेष सत्र 3 जुलाई को समाप्त हो जाएगा।

First Published : June 27, 2024 | 10:11 PM IST