Controller General of Accounts CGA
भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के मई माह तक की मासिक लेखा समीक्षा जारी कर दी है। यह रिपोर्ट नियंत्रक महालेखाकार (CGA) द्वारा संकलित की गई है और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Ministry of Finance प्रवक्ता ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 तक सरकार की कुल प्राप्तियाँ ₹7,32,963 करोड़ रही हैं, जो कि चालू वित्त वर्ष के बजटीय अनुमान (BE) का 21.0% है। वहीं, कुल व्यय ₹7,46,126 करोड़ रहा, जो कि बजटीय अनुमान का 14.7% है।
🔹 कुल प्राप्तियाँ (मई 2025 तक): ₹7,32,963 करोड़
🔸 राज्यों को करों में हिस्सेदारी के रूप में स्थानांतरण: ₹1,63,471 करोड़
🔹 कुल व्यय (मई 2025 तक): ₹7,46,126 करोड़
🔸 राजस्व व्यय के प्रमुख घटक:
✅ गैर-कर राजस्व में उल्लेखनीय योगदान: ₹3.56 लाख करोड़ की गैर-कर आय में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से लाभांश, लाइसेंस फीस, और ब्याज आय शामिल हैं।
✅ पूंजीगत व्यय पर बल: ₹2.21 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय भारत सरकार के बुनियादी ढांचे पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है, जो दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक है।
✅ राज्यों को उच्च कर हस्तांतरण: राज्यों को ₹1.63 लाख करोड़ का कर हस्तांतरण दर्शाता है कि केंद्र सरकार राज्यों को राजकोषीय सहायता देने में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
Ministry of Finance प्रवक्ता ने कहा कि मई 2025 तक के आंकड़े यह संकेत देते हैं कि भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली दो तिमाहियों की शुरुआत राजस्व संग्रहण और पूंजीगत व्यय के संतुलन के साथ की है। ब्याज भुगतान और सब्सिडी जैसे अनिवार्य व्ययों के बावजूद, पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता देना सरकार की विकासोन्मुखी सोच को दर्शाता है।आगामी महीनों में कर राजस्व संग्रहण, विनिवेश और सब्सिडी प्रबंधन नीति पर नजर रखी जाएगी, ताकि राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्यों के अनुरूप नियंत्रित रह सके।
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