बजट के पहले रियल एस्टेट क्षेत्र के हिस्सेदारों ने वित्त मंत्री के समक्ष तमाम मांगें पेश की हैं। नौकरियों का सृजन करने वाले इस प्रमुख क्षेत्र की देश की जीडीपी में 7 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले कुछ साल से रियल एस्टेट क्षेत्र मांग में कमी और बिना बिके मकानों की संख्या बढऩे संकट से जूझ रहा है। नैशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे गए पत्र में कई कदमों की सिफारिश की है, जिसमें कर्ज के एकमुश्त पुनर्गठन से लेकर मकान खरीदने वालों को कर प्रोत्साहन देने तक की बातें शामिल हैं। नारेडको ने आगामी बजट में रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सस्ते घरों के लिए मूल्य के 90 प्रतिशत तक कर्ज की सुविधा देने और किराये के मकानों के प्रोत्साहन के लिए किराया आय पर कर कटौती 50 प्रतिशत तक रखने जैसे कई सुझाव सरकार को दिए। नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘कोविड-19 से रियल एस्टेट क्षेत्र भीअछूता नहीं रहा है।’ डीएलएफ के सीईओ राजीव तलवार ने कहा कि आवास ऋण पर ब्याज पूरी तरह से आयकर छूट के दायरे में आना चाहिए, जिस पर कोई सीलिंग नहीं हो।