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देश में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना

Last Updated- December 12, 2022 | 8:57 AM IST

सरकार ने सोमवार को बजट में देश में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की नीति शुरू करने की घोषणा की। यह भारत को कपड़ा क्षेत्र में पूरी तरह से एकीकृत व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी विनिर्माण एवं निर्यात केंद्र बनाने की सरकार की कोशिश का हिस्सा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के अतिरिक्त देश में बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाने की योजना पेश की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अगले तीन साल में सात बड़े टेक्सटाइल पार्क बनाये जाएंगे। इन पार्कों में एकीकृत सुविधाएं होंगी तथा परिवहन में होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने की व्यवस्थाएं होंगी। इसका उद्देश्य कपड़ा क्षेत्र में बड़े निवेश लाना है। कपड़ा मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि वृहद एकीकृत कपड़ा क्षेत्र एवं परिधान (मित्र) पार्क और एक योजना पर विचार चल रहा है। ये पार्क 1,000 एकड़ से अधिक भूखंड पर स्थित होंगे। इनमें आधुनिक बुनियादी संरचनाएं, साझा सुविधाएं और शोध व विकास लैब भी होंगे। अभी तक एकीकृत टेक्सटाइल पार्क योजना के तहत 59 टेक्सटाइल पार्क को मंजूरी दी गयी है, जिनमें से 22 तैयार हो चुके हैं।

महंगे होंगे मोबाइल फोन, सरकार ने पुर्जों, चार्जर पर आयात शुल्क बढ़ाया
सरकार ने मोबाइल फोन के पुर्जों तथा चार्जर पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। स्थानीय मूल्यवर्धन को बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इससे मोबाइल फोन महंगे हो सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए सीमा शुल्कों में 400 रियायतों की समीक्षा की घोषणा की। इनमें मोबाइल उपकरण खंड भी शामिल है। सीतारमण ने कहा, ‘घरेलू मूल्यवर्धन बढ़ाने के लिए हम मोबाइल के चार्जर और कुछ पुर्जों पर छूट को वापस ले रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल के कुछ पुर्जों पर आयात शुल्क शून्य से 2.5 प्रतिशत हो जाएगा।’ उन्होंन कहा कि सीमा शुल्क नीति का दोहरा उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को प्रात्साहन देना और भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखला से जोड़ना तथा निर्यात को बेहतर करना होना चाहिए। सीतारमण ने कहा, ‘‘अब हमारा जोर कच्चे माल तक आसान पहुंच तथा मूल्यवर्धन का निर्यात है।’

First Published - February 1, 2021 | 4:32 PM IST

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