पिछले सप्ताह वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा पेश किए गए बजट का मिलाजुला असर शेयर बाजारों में देखने को मिला। हालांकि उनके बजट से शेयर बाजार को कोई खास फायदा नहीं पहुंचा है। बीते सप्ताह के अंत मेें निफ्टी 2.2 फीसदी वापसी के साथ 5,223.5 अंक पर बंद हुआ। जबकि सेंसेक्स 1.32 फीसदी उछाल के साथ 17,578 अंक पर बंद हुआ था। इसके अलावा, डेफ्टी में 2.18 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया। इन सब के बीच वॉल्यूम का भी प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा और उसमें भी औसत से कम ही आंका गया। लिहाजा, यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं पिछले सप्ताह में शेयर बाजार में कोई निर्णायक उछाल देखने को नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि जहां मुंबई स्टॉक एक्सचेंज 1.58 फीसदी का उछाल देखा गया वहीं जूनियर में 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। हालांकि बीते सप्ताह यानी बजट सत्र तक विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) और म्युचुअल फंड शुध्द खरीदार रहें।
नजरिया
शेयर बाजार पहले की तरह ही व्यापारिक क्षेत्रों के बीच फंसा हुआ है। निसंदेह निफ्टी को औसतन 5,000 से 5,500 अंकों के बीच होना चाहिए। लेकिन वर्तमान में यह 5,100 से 5,300 अंकों के बीच व्यापार कर रहा है। यह उम्मीद लगाई जा रही है कि यह सप्ताह घाटे की दौर से गुजर सकता है। इसके अलावा, 5,300 अंक से ऊपर काफी बड़ी बाधा है और साथ ही अगर इसे भेदने की कोशिश की गई तो बाधा 5,500 अंक तक भी पहुंच सकता है।
तर्क
शेयर बाजार पर बजट का जबर्दस्त प्रभाव पड़ा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया, वह शेयर बाजार को व्यापारिक क्षेत्र से उभार पाने में नाकाम रहा है। उल्लेखनीय है कि वित्त बजट को लेकर शुरुआती प्रतिक्रिया नाकारात्मक ही रही थी। यह भी कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं कि इसका असर सोमवार प्रचंड रूप से दिखने को मिलेगा।
उलट नजरिया
अगर बीते दो महीनों में शेयर बाजार मे हुए उतार-चढ़ाव की बात करें तो व्यापारिक फैलाव 5,100 से 5,300 अंक के बीच ही रहा। यह भी हो सकता है कि यह अन्य दिशाओं में निकल सकता है। निसंदेह स्थिति को काबू में करने के लिए तेज वॉल्यूम फैलाव की आवश्यकता पड़ सकती है। लिहाजा, यह 5,000 के मजबूत आधार को तोड़ेगा या फिर 5,500 अंक की बाधा को भेदने में मददगार साबित होगा। हालांकि इस वक्त ऐसी कोई स्पष्ट उपाय नहीं है, जिससे मदद मिल सके, लेकिन यह भी विदित है कि कम वॉल्यूम प्रक्रिया हमेशा ही मंदड़िया लाता है।
तेजड़िया और मंदड़िया
जहां एक ओर बजट को कुछ लोगों को नाकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं वहीं दूसरी और कुछ सेक्टर इसे साकारात्मक नजरिए से भी देख रहे हैं और वित्त बजट की सराहना कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि फार्मा स्टॉक इस बजट की काफी सराहना कर रहे हैं। इसके अलावा, फार्मा की कुछ अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र, उदाहरण के लिए अरविंदो फार्मा, सिप्ला, डॉ. रेड्डी, मेट्रिक्स और रेनबेक्सी ने शुक्रवार को पेश किए गए वित्त बजट की काफी तारिफ की है। यही नहीं ऑटो स्टॉक भी इस बजट के पक्ष में खड़ा नजर आया। उदाहरण के लिए बजाज ऑटो, हीरो होंडा, महिन्द्रा और मारुति कंपनियां भी इस बजट के पक्ष में थे। इसके अलावा, निजी क्षेत्रों के रिफाइनर्स, उदाहरण के लिए इार ऑयल और रिलायंस पेट्रोलियम भी निवेशों को दोबारा से आरंभ करने के बारे में सोच रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, इंडियाबुल्स फाइनैंशियल और इंडिया इंफोलाइन भी कुछ बड़ा करने को उत्सुक हैं।
