चुनावी साल में प्रस्तुत मध्य प्रदेश के बजट में आधी आबादी यानी महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। 3.14 लाख करोड़ रुपये के बजट में तकरीबन एक तिहाई यानी 1.02 लाख करोड़ रुपये की राशि महिलाओं को आवंटित करने की बात कही गई है।
उदाहरण के लिए प्रदेश सरकार की नई योजना ‘लाड़ली बहना’ जिसके तहत महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये की राशि दी जानी है, उसके लिए बजट में 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में इस योजना को कैबिनेट के माध्यम से मंजूरी दी है जिसके तहत 23 से 60 वर्ष तक की आयु वाली महिलाओं के बैंक खाते में हर महीने 1,000 रुपये की राशि डाली जाएगी।
महिलाओं पर इतना ध्यान देने की प्रमुख वजह दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। प्रदेश के 5.40 करोड़ मतदाताओं में से करीब 2.60 करोड़ महिलाएं हैं। इस वर्ष जो 13.40 लाख नए मतदाता जुड़े हैं उनमें भी महिलाओं की हिस्सेदारी 7 लाख है।
आगामी विधानसभा चुनावों में महिलाओं के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि बजट के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमल नाथ ने कहा कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की राशि दी जाएगी। इतना ही नहीं ‘मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी’ योजना की भी घोषणा की गई है जिसके तहत सरकार कक्षा 12 में प्रथम श्रेणी हासिल करने वाली बालिकाओं को ई-स्कूटी प्रदान करेगी। हालांकि इस योजना के लिए आवंटित राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित अन्य योजनाओं की बात करें तो लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जबकि स्वरोजगार करने वाली महिलाओं को ब्याज सब्सिडी देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई।
आर्थिक मामलों के जानकार सीए जय नागपाल कहते हैं कि लाड़ली बहना जैसी योजनाओं को मतदाताओं को लुभाने का प्रयास नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि मध्य प्रदेश में महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण अभी भी एक बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बजट को महिला सशक्तीकरण और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए अनुकूल बताया।