देश की सुरक्षा को तवज्जो देते हुए इस अंतरिम बजट में वर्ष 2009-10 में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाकर 1,41,703 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वर्ष 2008-09 के मुकाबले आवंटन में 33 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
हालांकि पूंजीगत परिव्यय का 7007 करोड़ रुपये बिना इस्तेमाल के सशस्त्र बलों ने वापस कर दिया। वर्ष 2008-09 का बजट अनुमान संशोधित अनुमान से ज्यादा है।
वर्ष 2009-10 के अंतरिम बजट में पूंजीगत खर्च के लिए 54,824 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 33 फीसदी ज्यादा है।
मुखर्जी ने अंतरिम बजट पेश करते वक्त कहा कि सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने से देश में सुरक्षा के हालात बिगड़े हैं। मुंबई पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाना बहुत जरूरी लगता है।
जरूरत के लिहाज से राष्ट्र की सुरक्षा के लिए इससे भी अधिक आवंटन किया जाएगा। वर्ष 2008-09 में रक्षा के लिए 1,05,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे हालांकि इसे संशोधित करके 1,14,600 करोड़ रुपये किया गया। यानी इसमें 9,000 करोड़ रुपये यानी 8.52 फीसदी की बढ़ोतरी की गई।
इस बढ़ोतरी की वजह राजस्व खर्च में 27.78 फीसदी का इजाफा होना भी था। वेतन और भत्ते की वजह से राजस्व खर्च 57,593 करोड़ रुपये से बढ़कर 73,600 करोड़ रुपये हो गया।
वर्ष 2009-10 में राजस्व खर्च के लिए 86,879 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इस तरह राजस्व खर्च में 18 फीसदी यानी 13,279 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
इस साल पूंजीगत खर्च का आवंटन 2008-09 के संशोधित अनुमान के मुकाबले 33.7 फीसदी बढ़कर 54,824 करोड़ रुपये हो गया है। वर्ष 2008-09 के संशोधित अनुमान में यह 41,000 करोड़ रुपये था। वर्ष 2008-09 पूंजीगत खर्चों के लिए बजट अनुमान 48,007 करोड़ रुपये था। सशस्त्र बल ने पिछले साल इसके 17 फीसदी का इस्तेमाल नहीं किया।
मुखर्जी ने मुंबई हमले की चर्चा करते हुए कहा, ‘हम इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। मुंबई आतंकी हमले ने सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह से एक नया आयाम दिया है। हमारी दहलीज को पार करके यह गुस्ताखी की जा रही है। हमारे देश में सुरक्षा के माहौल को चिंताजनक रूप से बिगाड़ने की कार्रवाई की जा रही है।’
कई मौकों पर कैबिनेट मंत्रियों ने भी कहा है कि वैश्विक मंदी के बावजूद सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
हालांकि 2009-10 के रक्षा बजट के आवंटन में 34 फीसदी बढ़ोतरी हुई है लेकिन भारत में रक्षा पर खर्च जीडीपी का लगभग 2 फीसदी ही होता है। वहीं चीन अपनी जीडीपी का 7 फीसदी और पाक 5 फीसदी खर्च करता है।