केंद्र का स्वास्थ्य बजट 2025-26 में 9.78 प्रतिशत बढ़कर 99,857 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को 28.8 प्रतिशत अधिक आबंटन किया गया। अभी इस योजना के लिए 9,406 करोड़ रुपये है। इसके अलावा कैंसर मरीजों को राहत मुहैया कराई गई। इस क्रम में 36 कैंसर और दुर्लभ बीमारियों को मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और जिला अस्पतालों में कैंसर देखभाल केंद्र खोलने के लिए छूट मुहैया करवाई गई।
फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) को बजट आबंटन 28.82 प्रतिशत बढ़कर 5,268.72 करोड़ रुपये हो गया। थोक ड्रग पार्क के लिए प्रोत्साहन 1,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,460 करोड़ रुपये हो गया जबकि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के लिए आबंटन 2,143 करोड़ रुपये से थोड़ा बढ़कर 2444.9 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर केंद्र खोलने की घोषणा की और इस क्रम में 2025-26 में 200 केंद्र खोले जाने हैं। इस योजना का उद्देश्य कैंसर मरीजों की जेब पर खर्च का भार कम करना है।
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के अनुसार कैंसर मामले बढ़ने की आशंका है। कैंसर के नए मामले सालाना 8,00,000 बढ़ने का अनुमान है। विशेषज्ञों ने कैंसर के मरीजों की देखभाल के लिए क्षमता बढ़ाने की सलाह दी है। सभी दर्ज कैंसर मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए 10,000 – 15,000 डे केयर बेड और 25,000 सर्जिकल बेड की आवश्यकता है। इन उपायों से कैंसर का इलाज अधिक सस्ता होना तय है।
सीतारमण ने 36 जीवन रक्षक दवाओं को बीसीडी से छूट प्राप्त सूची में शामिल किया। अन्य छह जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क में 5 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इनमें बच्चों की स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जैसे दुर्लभ आनुवांशिक विकार और कैंसर के उपचार की एस्किमिनिब (ल्यूकेमिया) की दवाएं शामिल हैं, इनमें से कुछ दवाओं की कीमत अभी करोड़ों रुपये में है।