वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट 25-26 संसद में पेश किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कई नई घोषणाएं कीं। इसके अलावा केंद्रीय बजट 2025 में कस्टम ड्यूटी में कई बदलाव किए गए हैं, जिससे विभिन्न सेक्टरों को फायदा मिलेगा। दवाओं से लेकर औद्योगिक सामान तक, सरकार ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। आइए जानते हैं किन चीजों की कीमतें कम हुई हैं और कौन से सामान महंगे हुए हैं।
सरकार ने हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को राहत देने के लिए कई जरूरी उत्पादों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में छूट या कमी की घोषणा की है।
कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की 36 दवाएं सस्ती – बजट 2025 में कैंसर और रेयर डिजीज (Rare Diseases) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 36 दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह मुक्त करने का प्रस्ताव है। इससे मरीजों पर आर्थिक बोझ कम होगा और जीवन रक्षक दवाएं अधिक किफायती हो जाएंगी।
37 और दवाओं को मिली छूट – इसके अलावा, 37 अन्य दवाओं को भी कस्टम ड्यूटी से छूट दी गई है। यह कदम सरकार की ‘सबके लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवा’ मुहैया कराने की दिशा में उठाया गया है।
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कई जरूरी चीजों पर छूट देने के साथ ही कुछ वस्तुओं पर सरकार ने कस्टम ड्यूटी बढ़ाई है, जिससे वे महंगी हो जाएंगी।
इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले महंगे- सरकार ने इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% कर दी है। इसका मकसद घरेलू निर्माताओं को सपोर्ट देना और ड्यूटी स्ट्रक्चर को बैलेंस करना है।
प्रोविजनल असेसमेंट के लिए नया नियम- सरकार ने प्रोविजनल असेसमेंट की अधिकतम समयसीमा 2 साल तय कर दी है। इससे इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करने वाले व्यवसायों पर असर पड़ेगा, लेकिन इससे कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और तेज़ हो जाएगी।
क्रिटिकल मिनरल्स पर छूट – इलेक्ट्रॉनिक्स और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग जैसे उद्योगों की लागत घटाने के लिए कोबाल्ट प्रोडक्ट्स, LED, जिंक, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप (Lithium-ion Battery Scrap) और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को पूरी तरह से कस्टम ड्यूटी से मुक्त किया गया है।
शिपबिल्डिंग के कच्चे माल पर 10 साल की छूट – जहाज निर्माण (Shipbuilding) से जुड़े कच्चे माल पर अगले 10 सालों तक बेसिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी। इससे भारत के समुद्री उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती मिलेगी।
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हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा- हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक विशेष योजना की घोषणा की है। इससे भारतीय हस्तशिल्प को ग्लोबल मार्केट में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जाएगा।
चमड़ा उद्योग को राहत- ‘वेट ब्लू लेदर’ हुआ सस्ता – चमड़ा उद्योग को मदद देने के लिए वेट ब्लू लेदर पर बेसिक कस्टम ड्यूटी पूरी तरह हटा दी गई है। इससे इस उद्योग में लागत घटेगी और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
फिश पास्टूरी सस्ता – सरकार ने फिश पास्टूरी पर कस्टम ड्यूटी 30% से घटाकर 5% कर दी है। इससे फूड और एग्रीकल्चर सेक्टर को फायदा होगा।
टैरिफ स्ट्रक्चर में सुधार – सरकार ने 7 और टैरिफ रेट हटाने का प्रस्ताव रखा है। इससे पहले 2023-24 के बजट में भी 7 टैरिफ रेट हटाए गए थे। यह व्यापार को अधिक सुगम और सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सोशल वेलफेयर सरचार्ज में राहत – जिन 82 टैरिफ लाइनों पर सेस (Cess) लागू है, उन पर सोशल वेलफेयर सरचार्ज को हटा दिया गया है। इससे उन उद्योगों पर टैक्स का बोझ कम होगा, जो इन वस्तुओं से संबंधित हैं।
स्वास्थ्य और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फायदा – दवाओं और कच्चे माल पर दी गई छूट से स्वास्थ्य और औद्योगिक उत्पादन की लागत कम होगी। इससे फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरी निर्माण और शिपबिल्डिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
टेक प्रोडक्ट्स हो सकते हैं महंगे – इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने से टेक इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा और ऐसे प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।
‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर एक और कदम – कस्टम टैरिफ में सुधार और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को और मजबूत करेंगे।
कुल मिलाकर, बजट 2025 में जहां एक ओर कई जरूरी वस्तुओं को सस्ता किया गया है, वहीं कुछ उत्पाद महंगे भी हुए हैं। कस्टम ड्यूटी में बदलाव सरकार की इस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत को एक प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना है।