वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में पेश किए अंतरिम बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए 6.21 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखा है। सीतारमण पहले रक्षा मंत्री रह चुकी हैं।
हालांकि, यह वित्त वर्ष 2023-24 के आवंटन से 4.72 फीसदी अधिक है। हालांकि चालू वर्ष के लिए संशोधित आवंटन के मुकाबले इसमें मामूली कमी की गई है।
पिछले कई वर्षों से लगातार कमी करने के चलन को जारी रखते हुए इस बार भी सरकार के कुल खर्च का 13 प्रतिशत ही रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित किया गया है। फिर भी रक्षा मंत्रालय के हिस्से अन्य मंत्रालयों के मुकाबले अधिक धनराशि आई है।
कुल आवंटन का 14.82 प्रतिशत राजस्व खर्च, 30.68 प्रतिशत वेतन और भत्ते, 22.72 प्रतिशत रक्षा पेंशन और 4.11 प्रतिशत रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले सिविल संगठनों के लिए रखा गया है। कुल घरेलू उत्पाद के इस वर्ष का रक्षा आवंटन 2 प्रतिशत के स्तर से नीचे रहा है।
देश के रक्षा क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए पूंजीगत आवंटन के तहत 1.72 लाख करोड़ रुपये अथवा कुल रक्षा बजट का 27.67 प्रतिशत दिया गया है। अधिकांश आधुनिक मिलिट्री कुल रक्षा बजट का 50-60 प्रतिशत खर्च करती हैं।