इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने बुधवार को कहा कि कुछ एयरलाइनें भारत की ऐसी छवि पेश कर रही हैं कि वह किसी को भी अधिक द्विपक्षीय उड़ान अधिकार नहीं दे रहा है, जो एकदम गलत है। उन्होंने कहा कि भारत केवल मांग और दो-तरफा उपयोग के आधार पर उड़ानें आवंटित करता रहा है।
उनकी यह टिप्पणी अमीरात के अध्यक्ष टिम क्लार्क की इस आलोचना के कुछ महीने बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत दुबई को अतिरिक्त द्विपक्षीय अधिकार देने पर प्रतिबंध वाला रवैया अपना रहा है। क्लार्क ने उस समय कहा था कि विदेशी कंपनियों की उड़ानें सीमित करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है, क्योंकि विमानन से देश की अर्थव्यवस्था की संपदा में कई गुना बढ़ोतरी होती है। भारत अभी तक यूएई और कतर के लिए द्विपक्षीय उड़ान अधिकार बढ़ाने का अनिच्छुक रहा है।
दुबई और दोहा जैसे पश्चिम एशिया के हब मुख्य रूप से उत्तर अमेरिका और यूरोप जाने वाले भारतीय यात्रियों के लिए ट्रांजिट प्वाइंट का काम करते हैं। साथ ही, भारतीय विमानन कंपनियां लगातार चौड़े आकार वाले विमानों को अपने बेड़े में शामिल कर रही हैं। इससे वे बिना रुके लंबी दूरी की उड़ानों का संचालन कर पा रही हैं।
एविएशन इंडिया समिट 2025 में पैनल परिचर्चा के दौरान एल्बर्स ने स्वीकार किया कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन की समस्या के कारण इंडिगो के लगभग 40 विमान वर्तमान में जमीन पर खड़े हैं। यह स्थिति निराश करने वाली तो है, लेकिन इस बारे में लगातार शिकायत करने का कोई मतलब नहीं है। इसके बजाय एयरलाइन समस्या का समाधान करने की दिशा में प्रयास करेगी।