facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: अदाणी पावर-भूटान डील, टाटा-महिंद्रा कारें हुईं सस्ती; जानें आज किन स्टॉक्स पर ध्यान देंसीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहें

भारत में इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा: टेस्ला समेत वैश्विक कंपनियों के लिए आयात शुल्क में बड़ी राहत की तैयारी

भारी उद्योग मंत्रालय जल्द जारी करेगा SMEC योजना के दिशानिर्देश, निवेश व घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर रहेगा फोकस

Last Updated- March 24, 2025 | 10:52 PM IST
electric cars

भारी उद्योग मंत्रालय भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कार विनिर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना (एसएमईसी) के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के अंतिम चरण में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अंतिम मसौदा ऐसा नहीं होगा कि किसी विशेष कंपनी को लाभ मिले।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि मुख्य ध्यान इलेक्ट्रिक वाहन उपकरणों के आयात शुल्क को इस स्तर पर रखने पर होगा, जिससे यह वैश्विक कारोबारियों के लिए आकर्षक हो। पिछले मार्च में घोषित एसएमईसी का मकसद प्रमुख वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं को निवेश के लिए आकर्षित करना और भारत को ईवी के लिए विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालयों के बीच परामर्श के बाद लगभग एक महीने में दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। यह परामर्श करीब 3 सप्ताह में होने वाला है। योजना की घोषणा के बाद से अब तक भारी उद्योग मंत्रालय और मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) तथा सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) जैसे हितधारकों के बीच निवेशकों की रुचि जानने के लिए लगभग 4-5 परामर्श हो चुके हैं।

परामर्श बैठक में शामिल रहे दो लोगों ने बताया कि चर्चा का एक प्रमुख विषय यह रहा है कि आयात शुल्क इस तरह से तय किया जाए जो टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक ओईएम विनिर्माताओं को भारतीय बाजार में कदम रखने के लिए प्रोत्साहित कर सके और इससे भारत में ईवी की स्वीकार्यता को गति मिल सके।

विनिर्माताओं को आगे और प्रोत्साहित करने के लिए इस नीति में 35,000 डॉलर (लागत, बीमा और ढुलाई सहित) से अधिक मूल्य की ईवी पर आयात शुल्क घटाकर 15 फीसदी करने की योजना है, जो अभी 70 से 100 फीसदी तक है। इसमें शर्त यह होगी कि विनिर्माता न्यूनतम निवेश और घरेलू मूल्यवर्धन (डीवीए) आवश्यकताओं को पूरा करें। अधिकारियों ने कहा कि घटे आयात शुल्क से भारत के बाजार में वाहन निर्माताओं के प्रवेश को उल्लेखनीय गति मिलेगी।

भारतीय बाजार में टेस्ला अपने इलेक्ट्रिक वाहन के साथ उतरने पर विचार कर रही है। कंपनी के सीईओ ईलॉन मस्क ने कई बार सोशल मीडिया पर इसका संकेत दिया है। कंपनी ने 2022 में भारत में उच्च स्तरीय दौरे की भी योजना बनाई थी, जिससे कि भारतीय बाजार में प्रवेश की संभावना तलाशी जा सके, लेकिन अंतिम क्षणों में यात्रा रद्द कर दी गई थी।

टेस्ला मांग कर रही थी कि भारत स्थानीय विनिर्माण की प्रतिबद्धता के पहले पूरी तरह तैयार (सीबीयू) कारों पर शुल्क में उल्लेखनीय कटौती करे। योजना के तहत आवेदक को न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये निवेश करने के साथ ही तीसरे साल तक कम से कम 25 फीसदी घरेलू मूल्यवर्धन (डीवीए) और पांचवें साल के अंत तक 50 प्रतिशत मूल्यवर्धन करना होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार भारत में टेस्ला के निवेश को आकर्षित करने के लिए कुछ खास उपाय करेगी, उपरोक्त उल्लिखित सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकता कि भारत में टेस्ला आएगी या नहीं। यह उन पर निर्भर है कि वे आवेदन करना चाहते हैं या नहीं। हम किसी ओईएम के लिए कुछ खास नियम नहीं बना सकते।’

अधिकारी ने कहा कि मसौदा दिशानिर्देश बनाने में वित्त, वाणिज्य, विद्युत, पर्यावरण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सहित कई मंत्रालय लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्तों में अंतर मंत्रालयी परामर्श पूरा हो जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि अंतिम दिशानिर्देश से अधिसूचना में और ज्यादा स्पष्टता आएगी। उन्होंने कहा, ‘दिशानिर्देशों में एक प्रारूप बताया जाएगा। कंपनी को एसएमईसी के आवेदन के लिए इसका पालन करना होगा। पिछले मार्च में जो कुछ अधिसूचित किया गया था, उसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं है।’

खबर प्रकाशित होने तक इस सिलसिले में उपरोक्त मंत्रालयों से संबंधित लोगों और सचिवों को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। भारी उद्योग मंत्रालय के साथ परामर्श के दौरान कुछ ओईएम ने अपनी सिफारिशें दी थीं, जिससे पहले से भारत में पेट्रोल और डीजल वाहन बना रही विदेशी कंपनियों को मदद मिल सके, जो कुछ प्रमुख उपकरणों का आयात करती हैं।

First Published - March 24, 2025 | 10:48 PM IST

संबंधित पोस्ट