ऑटोमोबाइल

होंडा-निसान विलय की तैयारी, रेनो-निसान साझेदारी के भविष्य पर अनिश्चितता

चेन्नई के ओरगादम संयंत्र में उत्पादन जारी, निसान का भारतीय परिचालन बदलाव की ओर

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सोहिनी दास   
Last Updated- December 23, 2024 | 10:53 PM IST

जापान की वाहन क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियों होंडा और निसान विलय की राह पर आगे बढ़ने जा रही हैं लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इससे भारत में निसान के फ्रांस की कार कंपनी रेनो के साथ गठजोड़ पर क्या असर पड़ेगा। निसान और रेनो चेन्नई के नजदीक ओरगादम संयंत्र में साझेदारी के जरिये कार बनाती हैं।

अक्टूबर में रेनो निसान ऑटोमोटिव इंडिया (आरएनएआईपीएल) ने चेन्नई के ओरगादम संयंत्र में 45 लाख पावरट्रेन यूनिट तैयार किए। आरएनएआईपीएल भारत और निर्यात बाजार के लिए रेनो और निसान कार बनाता है और वर्ष 2010 में इसकी शुरुआत के बाद से ही अब तक 27.5 लाख कारें बनाई गईं हैं। मई 2010 में जब से कार निर्माण शुरू हुआ तब से ही आरएनएआईपीएल ने सात अगल तरह के इंजन और तीन अलग-अलग किस्मों के गियरबॉक्स बनाए हैं।

आरएनएआईपीएल का पावरट्रेन विभाग ने उत्पादन शुरू करने के महज छह वर्ष के भीतर ही वर्ष 2016 में 10 लाख इंजन बना लिए और इसने निर्यात के लिए 160,000 इलेक्ट्रिक वाहन रिड्यूसर पुर्जे भी बनाए। निसान मोटर कॉरपोरेशन के निदेशक, प्रतिनिधि कार्यकारी अधिकारी, अध्यक्ष एवं सीईओ माकोटो उचिदा ने टोक्यो में कहा कि रेनो के साथ साझेदारी एक अलग संभावना है जिस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा साझेदार रेनो के साथ विभिन्न स्तर पर वार्ता की जाएगी।

हालांकि निसान मोटर इंडिया ने इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। होंडा कार्स इंडिया ने भी कोई टिप्पणी नहीं की। कुछ दिन पहले निसान के भारतीय परिचालन के अध्यक्ष फ्रैंक टॉरेस ने एक साक्षात्कार में पीटीआई को बताया था कि कंपनी अपने भारतीय परिचालन में बदलाव लाने की योजना पर कायम है और इसने चेन्नई संयंत्र में तीसरी पाली की शुरुआत के लिए 600 लोगों की भर्ती भी की। हालांकि उसी दौरान वैश्विक स्तर पर निसान ने 9000 नौकरियों और उत्पादन में 20 फीसदी कटौती की भी घोषणा की थी।

First Published : December 23, 2024 | 10:53 PM IST