सीएनजी से चलने वाले दोपहिया वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कम हो सकता है। वाहन कंपनियों के संगठन सायम ने इन पर लगने वाला जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी करने और बाद में उसे 12 फीसदी कर देने का अनुरोध किया था। भारी उद्योग मंत्रालय ने इस अनुरोध समर्थन किया है।
इस कदम से सबसे ज्यादा फायदा बजाज ऑटो को मिल सकता है, जिसकी सीएनजी से चलने वाली मोटरसाइकल पहले ही बाजार में आ चुकी है। अब टीवीएस मोटर्स समेत कुछ अन्य कंपनियां भी इस मैदान में उतरने की योजना बना रही हैं।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय सीएनजी से चलने वाली यात्री कारों पर भी जीएसटी कम करने की मांग कर रहा है। उसने दोपहिया पर जीएसटी घटाने के प्रस्ताव का भी स्वागत किया है। मगर भारी उद्योग मंत्रालय ने कारों पर जीएसटी कम करने के पेट्रोलियम मंत्रालय अनुरोध पर चुप्पी साधी है। सायम को भेजे अपने पत्र में उसने साफ लिखा है कि स्पष्ट किया वह केवल दोपहिया वाहनों पर जीएसटी घटाने के पक्ष में है।
जानकारों का कहना है कि सीएनजी दोपहिया पर जीएसटी घटाना सरकार के लिए चुनौती भरा हो सकता है। सभी वाहन श्रेणियों के लिए एक समान अवसर मुहैया कराने की खातिर उसे सीएनजी से चलने वाली यात्री कार, तिपहिया, बसों और ट्रकों को भी जीएसटी में रियायत देनी पड़ सकती है।
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जीएसटी पहले ही कम कर चुकी है और उसमें हर तरह के वाहन पर जीएसटी की दर 5 फीसदी ही है। सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों पर फिलहाल 28 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है, जिसमें रियायत देने पर सरकार को वाहन क्षेत्र से मिलने वाले राजस्व पर असर पड़ेगा।
इस साल 1 जनवरी को वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव को भेजे पत्र में भारी उद्योग मंत्रालय ने लिखा है कि दूसरे प्रमुख मंत्रालय भी इस प्रस्ताव के पक्ष में हैं। इनमें भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय शामिल हैं। भारी उद्योग मंत्रालय ने लिखा है कि इस मसले पर ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) और अन्य मंत्रालयों के साथ विमर्श के बाद वह सीएनजी दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरें कम करने की सिफारिश करता है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा कि वह दोपहिया के अलावा सीएनजी से चलने वाली कारों पर भी जीएसटी दरें कम करने का आग्रह कर रहा है। अपने पत्र में मंत्रालय ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए लिखा है कि सीएनजी दोपहिया पर जीएसटी कम होने से उनकी बिक्री बढ़ेगी, देश भर में उनकी पैठ बढ़ेगी और कार्बन उत्सर्जन कम करने के भारत के लक्ष्य को भी बल मिलेगा।