प्लग इन अथवा स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारें भारत के कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य की दिशा में प्रभावी हो सकती हैं मगर देश को फिलहाल कम करों और प्रोत्साहनों के जरिये इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर अपना ध्यान केंद्रित करते रहना चाहिए। यह बातें बीएमडब्ल्यू समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहीं।
जर्मनी की वाहन कंपनी भारत में 24 मॉडलों की बिक्री करती है। इनमें एक प्लग इन हाइब्रिड कार, छह इलेक्ट्रिक कार और 17 पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारें शामिल हैं। बीएमडब्ल्यू समूह के एशिया-प्रशांत, पूर्वी यूरोप, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जीन फिलिप पैरेन ने कहा कि कुछ मामलों में पूर्ण इलेक्ट्रिफिकेशन की दिशा में प्लग-इन हाइब्रिड कारों का उपयोग किया जा सकता है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर सीई 04, इलेक्ट्रिक मिनी कार कंट्रीमैन और पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कार मिनी कूपल एस और 5 सीरीज लॉन्गव्हीलबेस पेश करने के दौरान पैरेन ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्लग-इन हाइब्रिड कारों का उपयोग कुछ मामलों में किया जा सकता है, जहां ग्राहकों को लंबी दूरी की यात्रा करनी होती है और वे इसकी चिंता से मुक्त होना चाहते हैं। हम इस तकनीक (प्लग-इन हाइब्रिड) का प्रस्ताव कई देशों में कर रहे हैं। मगर अगर मैं भारत के लिए कहूं तो मैं कहूंगा कि पूरा ध्यान बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) में परिवर्तन पर देना चाहिए।’
चूंकि भारत साल 2070 तक कार्बन तटस्थ होने का लक्ष्य लेकर चल रहा है ऐसे में वाहन निर्माता भविष्य के बेहतर रास्ते पर बंटे हुए हैं। सुजूकी और टोयोटा जैसी दिग्गज जापानी कंपनी का जोर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड वाहनों पर कर कटौती के प्रति है और उनका दावा है कि सिर्फ ईवी के जरिये उत्सर्जन में कमी नहीं हो सकती है। मगर टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी देसी वाहन कंपनियों ने इस कर कटौती का विरोध किया है और जोर देकर कहा है कि ईवी पर पूरी तरह जोर देने से ही भारतीय सड़कें पूरी तरह से कार्बन मुक्त हो सकती हैं।
वाहन उद्योग के भीतर यह विभाजन हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के 5 जुलाई के आदेश के बाद सामने आया, जिसमें स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड के लिए 8-10 फीसदी का पंजीकरण कर माफ कर दिया गया था। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ 5 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)लगता है लेकिन हाइब्रिड कारों पर यह दर बढ़कर 28 फीसदी हो जाती है।
पैरेन ने कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछेंगे, तो सरकारों की ओर से सबसे मजबूत प्रोत्साहन इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए होना चाहिए। यही वह जगह है जहां प्रयास सबसे बड़ा है, खासकर शुरुआत में। भारत में बीईवी अभी भी एक छोटा बाजार है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यदि आप एक तकनीक पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो आप और अधिक हासिल कर सकते हैं।
भारत में, बीएमडब्ल्यू समूह की कारों की बिक्री 2024 की पहली छमाही में एक साल पहले के मुकाबले 21 फीसदी बढ़कर 7,098 इकाई हो गई। कंपनी के स्पोर्ट्स एक्टिविटी वाहनों, लक्जरी क्लास और इलेक्ट्रिक कारों की उच्च मांग के कारण यह वृद्धि हुई है।