डेटा मुद्रीकरण की संभावना और भारत की भूमिका
डेटा तेल की तरह का संसाधन है बल्कि यह तेल से भी कहीं अधिक मूल्यवान साबित हो सकता है। तेल के उलट डेटा एक ऐसा संसाधन है जिसका इस्तेमाल कई उपयोगकर्ता कर सकते हैं और उसकी आपूर्ति पर भी कोई असर नहीं पड़ता। इसके मूल्य में भी अक्सर कोई कमी नहीं आती। इतिहास की बात […]
Opinion: स्थानीय नवाचार पर जोर देने का वक्त
विकसित भारत के लक्ष्य ने भारत के सामने एक चुनौतीपूर्ण एजेंडा पेश किया है। इसका एक अहम पहलू है प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय को मौजूदा 3,348 डॉलर से बढ़ाकर 14,000 डॉलर पहुंचाना तथा देश को निम्न मध्य आय वाले देश से उच्च आय वाले देशों की श्रेणी में ले जाना। बहरहाल अगर भारत ने […]
Opinion: चुनाव पर मंडराता डीपफेक का खतरा
दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत आम चुनाव के लिए कमर कस रहा है। पिछले 75 वर्षों से भी अधिक अवधि में भारतीय चुनाव तंत्र ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश का यह तंत्र राज्य एवं केंद्र स्तर पर सरकारें स्थापित करता आया है। वर्तमान समय में कई चुनौतियां भी सामने आई है परंतु […]
Opinion: रक्षा निर्यात से जुड़ी है रणनीतिक अनिवार्यता
बढ़ते भूराजनीतिक तनाव के बीच विश्लेषकों का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर रक्षा और विमानन उद्योग में तेजी से विस्तार होगा और इनका आकार 2022 के 750 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 1.38 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। आर्थिक लाभों से से परे रक्षा निर्यात पर्याप्त रणनीतिक लाभ मुहैया कराता है। किसी खास […]
AI के साथ आवश्यक हैं अन्य कारक
ओपन एआई के चैटजीपीटी और डीएएलएल-ई की शुरुआत के साथ-साथ गूगल द्वारा स्टूडियो बॉट, बार्ड और जेमिनी को सहज उपलब्ध एपीआई (ऐप्लीकेशंस प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के साथ पेश किए जाने से एआई यानी कृत्रिम मेधा को लेकर छोटी-बड़ी दोनों तरह की कंपनियों के बीच एक किस्म के उन्माद का माहौल बन गया है। कोशिश यह है […]
सूचना एवं संचार तकनीक ने दुनिया को दो वर्गों में बांटा
वर्ष 2005 में थॉमस फ्रीडमैन ने जोर देकर कहा था कि सूचना एवं संचार तकनीकों (आईसीटी) ने विश्व स्तर पर कारोबारों और आम लोगों के लिए वैश्विक कारोबारी हालात को समतल कर दिया है। दुनिया के समतल होने के विचार ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। बहरहाल यह धारणा हकीकत से एकदम अलग है। आईसीटी […]
Opinion: भारत के राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क वाला देश होने का दम भरता है, जिसकी तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ नेटवर्क से की जाती है। इसके बावजूद अन्य देशों के उलट भारत में यहां अशोभनीय व्यवहार और विवादों की अनेक घटनाएं देखने को मिलती हैं। देश के राजमार्ग और एक्सप्रेसवे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मार्गों से […]
आयातक से निर्यातक बनने की राह….तेल भंडार की खोज पर संभावनाएं अपार
भारत कई दशकों से अपने तेल भंडार का पता लगाने में विफल रहा है, लेकिन अब एक तेल आयातक से निर्यातक बनने की राह तैयार की जा रही है। बता रहे हैं अजय कुमार यूरोपीय संघ और चीन के बाद भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है। भारत के उपभोग में […]
साझा समुद्र में मौजूद संसाधन के लिए होड़
समुद्र वह शक्ति है जो पृथ्वी पर मानव जीवन को संभव बनाती है क्योंकि वही पृथ्वी की जलवायु का नियमन करता है। पृथ्वी के इर्दगिर्द मौजूद ताप को सहन करने, उसे भंडारित करने और वितरित करने का काम। समुद्र कार्बन सिंक के रूप में काम करता है और ऑक्सीजन का बड़ा स्रोत है। वह जैवविविधता […]