उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक हलफनामे में सेना ने इन आरोपों को गलत बताया है कि वायु सेना और नौसेना से विपरीत, उसके यहां मराठा रेजीमेंट, राजस्थान रेजीमेंट, डोगरा रेजीमेंट, जाट रेजीमेंट आदि में जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर नियुक्ति के लिए भेदभावपूर्ण वर्गीकरण है।
हलफनामे में कहा गया है कानून में कहा गया है कि नियमित सेना में भर्ती के लिए सभी नागरिक योग्य हैं और धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, वंश, जन्म स्थान, निवास आदि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
सेना ने यह जवाब उच्चतम न्यायालय के उस आदेश की अनुपालना में दाखिल किया है जो न्यायालय ने हरियाणा के रेवाड़ी में रहने वाले एक डॉक्टर आई एस यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था।
याचिका में भारतीय सेना में जाति, क्षेत्र, धर्म के आधार पर तय भर्ती मानकों को खत्म करने की मांग की गई थी।
यादव के अनुसार, सेना में 22 रेजीमेंट हैं जो कि जाति, क्षेत्र, धर्म पर आधारित हैं।
जारी भाषा
नननन