गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने इस फैसले में बंबई उच्च न्यायालय के उस निर्देश को निरस्त कर दिया था जिसके तहत अदालत ने कंपनी को कर के रूप में 11,000 करोड़ रूपये अदा करने को कहा था।
तीन साल के कार्यकाल के बाद आज अपने पद से मुक्त हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल विश्वजीत भट्टाचार्य ने इस बात का जिक्र किया कि उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि भारत के पास क्षेत्राधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि यदि विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड के पास क्षेत्राधिकार हो सकता है तो आयकर विभाग के पास क्षेत्राधिकार कैसे नहीं हो सकता है।