वित्त वर्ष 2025 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान फुटवियर कंपनियां सबसे कमजोर प्रदर्शन दर्ज करने वालों में शुमार रहीं। इस क्षेत्र की शीर्ष चार सूचीबद्ध फर्मों की संयुक्त राजस्व वृद्धि सालाना आधार पर महज 2.9 फीसदी रही जो प्रमुख डिस्क्रेशनरी श्रेणियों में सबसे कम है। रिलैक्सो फुटवियर्स ने प्रदर्शन में सबसे ज्यादा दबाव महसूस किया। तीसरी और हाल की तिमाहियों में सुस्त वृद्धि के साथ अधिकांश बड़े फुटवियर शेयरों ने पिछले महीने और वर्ष में खराब रिटर्न दिया है।
इस क्षेत्र को राजस्व और मार्जिन दोनों के मोर्चों पर जूझना पड़ा। सेंट्रम इंस्टीट्यूशनल रिसर्च के विश्लेषकों सोहम सामंत और रितिक बंसल ने कहा, ‘तीसरी तिमाही में बढ़ती लागत और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों से कड़ी प्रतिपर्धा के वजह से फुटवियर उद्योग को सतर्क उपभोक्ता धारणा और मार्जिन दबाव का सामना करना पड़ा।’
प्रीमियम और कैजुअल फुटवियर ने वृद्धि को बढ़ावा दिया जबकि वैल्यू सेगमेंट पिछड़ गया। जेएम फाइनैशियल रिसर्च के विश्लेषक गौरव जोगानी ने कहा, ‘फुटवियर कंपनियों के लिए तिमाही मिश्रित रही जिसमें कैंपस और मेट्रो ब्रांड्स जैसी प्रीमियम और कैजुअल फुटवियर कंपनियों ने 9-11 प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर्ज की। इसके विपरीत, वैल्यू सेगमेंट में मजबूत साख वाली कंपनियों ने कम आधार के बावजूद राजस्व में गिरावट देखी।’
सूचीबद्ध कंपनियों में मेट्रो ब्रांड्स ने वृद्धि को बढ़ावा दिया और एक साल पहले के मुकाबले राजस्व में 10.6 फीसदी का इजाफा दर्ज किया। पिछली तिमाही में 5 प्रतिशत की वृद्धि के बाद यह तेजी आई। हालांकि, कम मार्जिन वाली ई-कॉमर्स बिक्री और बची हुई फिला इन्वेंट्री को निकालने के प्रयासों से सकल मार्जिन में 125 आधार अंक की गिरावट आई। लागत नियंत्रण ने सकल मार्जिन में गिरावट कम करने में मदद की, जिससे परिचालन लाभ मार्जिन में सुधार आया।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक आदित्य बंसल ने मेट्रो ब्रांड्स पर ‘खरीद’ रेटिंग बनाए रखी है, क्योंकि उन्होंने इस कंपनी की स्टोरों की बेहतर स्थिति, उद्योग में अग्रणी उत्पादकता, लागत नियंत्रण और लंबी विकास अवधि को पसंद किया है। कंपनी मुख्य रूप से आंतरिक स्रोतों से विस्तार के लिए धन जुटाती है और निवेशित पूंजी पर 30 प्रतिशत से अधिक रिटर्न देती है।
बाटा इंडिया का प्रदर्शन अनुमान के अनुरूप नहीं रहा। कंपनी का राजस्व एक साल पहले के मुकाबले महज 1.7 प्रतिशत बढ़ा। हश पपीज में सीजन के अंत में बिक्री में तेजी और दो अंकों की वृद्धि का असर कमजोर मांग ने खत्म कर दिया। नए ग्राहकों को आकर्षित करने और विकल्पों को सरल बनाने के लिए कंपनी किफायत पर ध्यान दे रही है और उत्पाद श्रेणियों को सुव्यवस्थित बना रही है। इन प्रयासों के कारण कई सुस्त तिमाहियों के बाद वॉल्यूम बढ़ा है।
बैकएंड निवेश, प्रीमियम और कैजुअल सेगमेंट पर फोकस और फ्रैंचाइज-आधारित विस्तार के कारण ब्रोकरेज बाटा की दीर्घकालिक संभावनाओं को लेकर आश्वस्त बने हुए हैं। हालांकि अल्पावधि समस्याएं बनी हुई हैं। ऐक्सिस रिसर्च के विश्लेषकों प्रीयम तोलिया और सुहानी शोम ने आम अवाम वाले पोर्टफोलियो पर मौजूदा दबाव को ध्यान में रखते हुए इस शेयर पर ‘होल्ड’ रेटिंग बरकरार रखी है।
रिलैक्सो सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन वाली कंपनियों में शामिल रही। उसका प्रदर्शन बाजार अनुमान के मुकाबले काफी कमजोर रहा। कंपनी का राजस्व एक साल पहले की तुलना में 6.4 फीसदी घट गया, क्योंकि उसकी बिक्री में 14.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। कमजोर मांग, वितरण में बदलाव और सुस्त परिचालन दक्षता से प्रदर्शन पर दबाव पड़ा।
जहां रिलैक्सो अपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थिति मजबूत करने के लिए काम कर रही है, वहीं ब्रोकरेज ने तीसरी तिमाही के परिणामों के बाद उसके आय अनुमान में कटौती की है। इलारा सिक्योरिटीज में विश्लेषक प्रेरणा झुनझुनवाला ने कहा, ‘2024-25 के पहले 9 महीनों का प्रदर्शन काफी हद तक सुस्त रहा और कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से हमने 2024-25 के लिए अपने आय अनुमान 13 प्रतिशत, 2025-26 के लिए 11 प्रतिशत और 2026-27 के लिए 9 प्रतिशत तक घटा दिए हैं।’
कैंपस ऐक्टिववियर भी कारोबार में 10 प्रतिशत की सालाना वृद्धि के बावजूद लक्ष्य से चूक गई। कंपनी की वृद्धि आक्रामक वितरण, नए विपणन अभियान और त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत ऑनलाइन बिक्री पर केंद्रित रही। हालांकि सुस्त औसत बिक्री कीमतों ने राजस्व वृद्धि को 9 फीसदी पर बनाए रखा। परिचालन प्रदर्शन निराशाजनक रहा, क्योंकि कच्चे माल की कीमतों में तेजी की वजह से सकल मार्जिन प्रभावित हुआ। तीसरी तिामही के नतीजों के बाद येस सिक्योरिटीज ने इस शेयर के लिए खरीदें रेटिंग दी है।