रेल मंत्रालय ने 6 और राज्यों के नेटवर्क का पूरी तरह विद्युतीकरण करने के साथ ही ब्रॉड गेज रेल नेटवर्क का 96.68 फीसदी विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 तक पूरी तरह से विद्युतीकृत नेटवर्क का लक्ष्य रखा है।
रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय रेल नेटवर्क के 66,343 रूट किलोमीटर (आरकेएम) में से 2,199 आरकेएम का विद्युतीकरण ही शेष बचा हुआ है।
केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में विद्युतीकरण के लिए 6,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस साल सितंबर तक रेलवे नेटवर्क ने 20 राज्यों का पूरी तरह विद्युतीकरण कर लिया है, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड, ओडिशा, पुदुच्चेरी, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।
विद्युतीकरण का अंतिम चरण पूरा करने के बाद सभी जोन में बाधारहित परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा, क्योंकि पूर्ण विद्युतीकरण होने के बाद इलेक्ट्रिक से डीजल इंजन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वित्त वर्ष 2024 के अंत तक 14 राज्यों का 100 फीसदी विद्युतीकरण हुआ था। विद्युतीकरण अभियान के तहत मंत्रालय हर साल 6,000 रूट किलोमीटर विद्युतीकरण कर रहा था, जो वित्त वर्ष 2024 में सुस्त होकर 4,644 आरकेएम रह गया था।
अधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि श्रमिकों की उपलब्धता व अन्य वजहों से पूर्वोत्तर में विद्युतीकरण थोड़ा मुश्किल हो रहा है। रेल मंत्रालय ने साल 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला नेटवर्क बनने का लक्ष्य रखा है।