जीवन बीमा कंपनियों के प्रीमियम में इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) में बीते साल की इस अवधि की तुलना में 4.25 प्रतिशत की सुस्त वृद्धि दर्ज हुई है। इस पर आधार का भी असर पड़ा है।
जीवन बीमा परिषद के जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में जीवन बीमा के नए बीमा का प्रीमियम (एनबीपी) सालाना आधार पर 4.25 प्रतिशत बढ़कर 93,544.54 करोड़ रुपये हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 89,726.7 करोड़ रुपये था। जीवन बीमा कंपनियों ने सरेंडर मूल्य के मानदंड 1 अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होने के बाद वित्त वर्ष 25 की अप्रैल जून अवधि में करीब 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की थी। हालांकि उद्योग ने अब नए मानदंडों के अनुरूप अपने को समायोजित कर लिया है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में भारतीय जीवन बीमा ने 3.43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 59,410.68 करोड़ रुपये दर्ज किए थे।
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बाजार की अग्रणी एलआईसी ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में बीते वर्ष की इस अवधि की तुलना में 2.3 प्रतिशत दर्ज कर 45,689.08 करोड़ रुपये के प्रीमियम की वृद्धि दर्ज की। पूरे समूह बीमा खंड ने 2.93 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 46,907.01 करोड़ की वृद्धि दर्ज की।
दूसरी तरफ, निजी जीवन बीमाकर्ताओं ने अपने प्रीमियम में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 34,133.86 करोड़ रुपये दर्ज किए, जो पिछले साल 32,285.8 करोड़ रुपये थे। इसे व्यक्तिगत खंड में 19,752.66 करोड़ रुपये की स्वस्थ वृद्धि का समर्थन मिला।
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निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बीमाकर्ता एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने बीते वर्ष की तुलना में 3.3 प्रतिशत वृद्धि के साथ 7,264.8 करोड़ रुपये का प्रीमियम दर्ज किया। इस क्रम में एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस ने सालाना आधार पर 14.51 प्रतिशत वृद्धि के साथ 7,489.3 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने 6.47 प्रतिशत वृद्धि के साथ 4,012.24 करोड़ रुपये दर्ज किया।