कमजोर मांग के माहौल, गैर-जरूरी खर्च में नरमी और सौदे करने के फैसलों में ग्राहकों द्वारा ज्यादा वक्त लगाने की वजह से शीर्ष भारतीय आईटी सेवा कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कर्मचारियों की संख्या में गिरावट दर्ज की है।
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में मार्च 2024 तक कुल कर्मचारियों की संख्या 6,01,546 बताई थी जिसमें पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 13,249 कमी आई।
इन्फोसिस (Infosys) में मार्च 2024 तक कुल कर्मचारियों की संख्या 3,17,240 थी, जो पिछले साल की अवधि की तुलना में 25,994 कम है।
विप्रो (Wipro) में पिछले साल की तुलना में वित्त वर्ष 2024 के दौरान कर्मचारियों की कुल संख्या में 24,516 की गिरावट देखी गई। कुल मिलाकर इन तीनों प्रमुख आईटी कंपनियों में सालाना आधार पर वित्त वर्ष 24 में कर्मचारियों की संख्या में करीब 64,000 की कमी देखी गई। टीसीएस और इन्फोसिस की बात करें तो पहली बार किसी वित्त वर्ष में इन दोनों के कर्मचारियों की संख्या में गिरावट हुई।
गार्टनर में वरिष्ठ प्रमुख विश्लेषक विश्वजीत मैती का मानना है कि कमजोर मांग के माहौल के कारण कंपनियां परिचालन व्यय कम करने के लिए संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने कहा ‘कर्मचारियों की संख्या में इस गिरावट को मांग में स्थिरता के नजरिये से देखने की जरूरत है। पिछले एक से दो साल के दौरान डिजिटल अपनाने की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे नियुक्तियों में वृद्धि हुई। अब गैर-जरूरी खर्च में नरमी और ग्राहकों के फैसला लटकाने के कारण सौदों में विलंब हो रहा है। प्रदाता परिचालन खर्चों को कम करने के लिए संसाधनों की संख्या घटाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे कर्मचारियों की संख्या में कमी आ रही है।’
इन कंपनियों का सुस्त राजस्व वृद्धि का अनुमान भी इस बात का संकेत है कि मांग जल्द नहीं बढ़ेगी। इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 25 के लिए स्थिर मुद्रा में एक से तीन प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान जताया है।
इसकी प्रतिस्पर्धी विप्रो ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में स्थिर मुद्रा के लिहाज से उसके आईटी सेवा कारोबार का राजस्व तिमाही आधार पर -1.5 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत के दायरे में बढ़ेगा। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) अपना अनुमान नहीं देती है।
विश्लेषकों का मानना है कि कर्मचारियों की संख्या बेहतर करने का कदम मार्जिन बढ़ाने के लिए इस्तेमाल उपायों में से एक हो सकता है। इन्फोसिस का ऑपरेटिंग मार्जिन मार्च तिमाही में 40 आधार अंक घटकर 20.1 प्रतिशत रह गया जो इससे पिछले तीन महीने में 20.5 प्रतिशत था।
चौथी तिमाही में विप्रो का परिचान मार्जिन तिमाही आधार पर 40 आधार अंक बढ़कर 16.4 प्रतिशत हो गया लेकिन यह अब भी 17 से 18 प्रतिशत के उसके महत्वाकांक्षी मार्जिन दायरे से दूर है।
पिछले साल इन्फोसिस ने मार्जिन में सुधार के इरादे से दो साल के लिए ‘प्रोजेक्ट मैक्सिमस’ नामक आधिकारिक परियोजना शुरू की थी।
इन्फोसिस के सीएफओ जयेश संघराजका ने कंपनी की आय के परिणामों के दौरान कहा, ‘प्रोजेक्ट मैक्सिमस की शुरुआती सफलता के कारण मध्य अवधि में परिचालन मार्जिन विस्तार और नकदी सृजन में सुधार हमारी प्राथमिकता बने हुए हैं।’