इलेक्ट्रिक दोपहिया क्षेत्र की छोटी कंपनियां अगले साल की शुरुआत में कीमतें नहीं बढ़ाएंगी। मात्रा में गिरावट न हो यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनियां यह कदम उठाएंगी। लोहिया ऑटो, गोदावरी इलेक्ट्रिक, इमोबी आदि कंपनियों के इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन 90 हजार से एक लाख रुपये के बीच के होते हैं।
चूंकि भारत का ई-दोपहिया उद्योग साल 2024 में दस लाख के आंकड़े को पार करने के तैयार है इसलिए विनिर्माता मूल्य स्थिरता बनाए रख सकते हैं। इस साल बाजार में प्रवेश करने वाली गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर ने भी यह नजरिया दर्शाया है।
इस बाबत गोदावरी के मुख्य कार्याधिकारी हैदर खान ने कहा, ‘हमारा अपने ई-स्कूटर की कीमतों में वृद्धि को काई इरादा नहीं है। हमारा ध्यान इस पर है कि गाड़ियों की पहुंच सबके लिए सुलभ हो सके।’ इसी तरह बेंगलूरु की स्टार्टअप कंपनी इमोबी ने भी सरकारी सब्सिडी से अपनी स्वतंत्रता पर जोर दिया है।
वहीं दूसरी ओर, एक अन्य इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता शेमा इलेक्ट्रिक के संस्थापक योगेश लठ ने कहा, ‘जब तक कच्चे माल या कल पुर्जों की लागत नहीं बढ़ती हैं तब तक गाड़ियों की कीमत बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, अत्याधुनिक सुविधाओं वाले हमारे मॉडल की कीमतें बढ़ेंगी।’
लागत को नियंत्रित करने के लिए स्थानीयकरण और उत्पादन दक्षता पर ध्यान केंद्रित करने वाली जॉय ई-बाइक ने कहा, ‘फिलहाल हमारी पूरी उत्पाद लाइन की कीमतें अपरिवर्तित बनी हुई हैं। स्थानीयकरण को बढ़ावा देने की हमारी पहल के तहत हम स्थानीय स्तर पर मोटर, बैटरी, हार्नेस आदि सहित प्रमुख कलपुर्जों का निर्माण कर रहे हैं।’
उद्योग जगत इस अनुमान पर आम सहमति जताई है कि इस साल भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की मांग, उत्पादन और बिक्री में मजबूत वृद्धि होगी।