स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया (एसएवीडब्ल्यूपीएल) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी पीयूष अरोड़ा ने पवन लाल के साथ बातचीत में टीयर-3 और टीयर-4 वाले शहरों पर जोर, युवा खरीदारों की पसंद और सही उत्पाद मिश्रण खोजने की चुनौती के संबंध में बात की। अरोड़ा ने करीब एक साल पहले यह पद संभाला था। उन्हें भारतीय बाजार के लिए प्रासंगिक उत्पाद विकसित करने का स्पष्ट निर्देश मिला है, जो निर्यात के लिए भी तैयार हैं।
संपादित अंश:
हालांकि फॉक्सवैगन और स्कोडा के बीच चार नई कारों के साथ पिछले साल आप व्यस्त रहे, क्या इस साल आपके पास और ज्यादा कारें होंगी?
हमारा ध्यान फोक्सवैगन और स्कोडा में पिछले साल की चार नई पेशकश को मजबूत करने और उनकी बिक्री बढ़ाने पर है। निश्चित रूप से हम बाजार में लगातार संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहे हैं। हमने करीब 33,000 कारों का निर्यात किया है और वर्ष 2021 के मुकाबले घरेलू बिक्री में 1,01,270 गाड़ियों की बिक्री के साथ 86 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। हम इस वर्ष घरेलू और निर्यात दोनों में ही दो अंकों की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। पहले हमने ज्यादातर फॉक्सवैगन की गाड़ियों का ही निर्यात किया था, लेकिन अब हमने पश्चिमी एशिया में स्कोडा का निर्यात करना शुरू कर दिया है।
जब आपने यहां शुरुआत की थी, तब आपको हैचबैक और नॉचबैक खंडों (पोलो और फैबिया) के साथ-साथ स्कोडा ऑक्टेविया और स्कोडा सुपर्ब में बड़ी कामयाबी मिली थी। ऐसा लगता है कि उन्हें क्रमबद्ध ढंग से बाहर किया जा रहा है। क्या आप नवीकरण करेंगे या नए संस्करण लाएंगे?
यदि आप वैश्विक रुझानों पर नजर डालें, तो नॉचबैक खंड और भारत भी एसयूवी बॉडी स्टाइलिंग की ओर बढ़ रहा है। यही वजह है कि हम वे उत्पाद लाए, जो हम पिछले साल लाए थे। अगर पोलो जैसे उत्पाद की मांग है, तो हम उसे ला सकते हैं और उन्हें लाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है। हमें उनका विनिर्माण नहीं करना है, हम उनका आयात कर सकते हैं।
हालांकि देश ईवी प्लेटफॉर्मों पर जोर दे रहे हैं, लेकिन लागत लाभ अभी नहीं देखा गया है और भारत में बुनियादी ढांचा अभी तक तैयार नहीं है। तो, आप ऐसे उत्पादों को उचित दामों पर पेश करने के लिए ‘टिपिंग प्वाइंट’ कब देख रहे हैं?
हम अगले दशक में हर साल छह से सात प्रतिशत की वाहन वृद्धि दर और उस समय विद्युतीकरण में 15 से 25 प्रतिशत के बीच वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं। इस दशक के उत्तरार्ध में कंपनी में हमें काफी हद तक ईवी में प्रवेश कर जाना चाहिए।
आपके पिछले अधिकारियों ने बाजार हिस्सेदारी के लिए कुछ लक्ष्य तय किए थे। उस संबंध में क्या स्थिति है?
हम पटरी पर हैं और वर्ष 2025 तक हम पांच प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करना चाहते हैं और उस दिशा में सभी प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले साल का आंकड़ा लगभग तीन प्रतिशत था और अगर आप दिसंबर में व्यक्तिगत प्रदर्शन को देखें, तो हम लगभग चार प्रतिशत स्तर पर हैं। मुझे लगता है कि हम वर्ष 2025 तक पटरी पर रहेंगे।
आपको वृद्धि कहां से होती दिख रही है?
रणनीति निश्चित रूप से टियर-3 और टियर-4 बाजारों में प्रवेश करने की है। हमारे पास लगभग 450 टच-प्वाइंट हैं और हम इस साल इसमें लगभग 10 प्रतिशत इजाफा करेंगे। अभी हम 125 शहरों में हैं और इसका मतलब है कि हम और शहरों में भी पहुंचेंगे।
क्या इस संबंध में कोई परिवर्तन हो रहा है कि युवा खरीदार किसी वाहन के मूल्य को किस तरह विभाजित करते हैं? क्या बैज-वैल्यू अब भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है?
कोई नया ग्राहक चाहता है कि कार पहियों पर चलने वाले मोबाइल फोन की तरह हो और दशक के आखिर तक दुनिया उस दिशा में आगे बढ़ रही है। इसलिए आपको ग्राहकों को सही सुविधाओं और आरामदायक ड्राइव से आकर्षित करना होगा।
आपने भारतीय बाजार में बड़ा आश्चर्य क्या देखा है?
यह ईवी का बदलाव और उसकी स्वीकार्यता है। मुझे लगता है कि दो सवालिया निशान हैं – बुनियादी ढांचा और क्या कोई ग्राहक इस नई तकनीक को स्वीकार करेगा।