काफी उतारचढ़ाव के बाद बेंचमार्क सेंसेक्स तीन दिन में पहली बार अंतत: हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहा। हालांकि अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में जारी गिरावट और आम बजट को अनिश्चितता व ब्याज दरों को लेकर फेडरल रिजर्व की बैठक ने निवेशकों को परेशान रखा।
170 अंकों की बढ़त के साथ 59,500 अंक पर बंद होने से पहले सेंसेक्स में 945 अंकों की घटबढ़ देखी गई। निफ्टी 44 अंकों की बढ़त के साथ 17,649 पर बंद हुआ। उतारचढ़ाव की माप करने वाला इंडिया वीआईएक्स 2 फीसदी चढ़ा और 17.7 फीसदी पर कारोबार कर रहा था।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सोमवार को 6,793 करोड़ रुपये के शेयर बेचे और यह जानकारी एक्सचेंजों के आंकड़ों से मिली। इस महीने अब तक उन्होंने 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे हैं।
ज्यादातर वैश्विक बाजारों में कमजोर ट्रेडिंग हुई क्योंकि अमेरिका के मिश्रित आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों को आगे मंदी को लेकर चिंतित किया। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बार-बार स्पष्ट किया है कि महंगाई के लक्षित स्तर तक पहुंचने से पहले ब्याज दरें उच्चस्तर पर बनी रहेंगी। अदाणी समूह के शेयरों की बाजार कीमत में गिरावट तीन दिन में 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है जबकि समूह के कुछ शेयर हरे निशान के साथ बंद हुए।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अदाणी के प्रत्युत्तर का समूह के शेयरों व बाजार पर मिश्रित असर रहा। मध्यम अवधि में निवेशकों के दिमाग में यह घटनाक्रम जोखिम की लटकी तलवार की तरह अभी जारी रह सकता है। मजबूत व स्वतंत्र थर्ड पार्टी या सरकार की तरफ से वैज्ञानिक आकलन रिपोर्ट की संभावना अल्पावधि में नहीं दिख रही। अब बाजार का ध्यान बजट और फेड की नीति पर होगा।
सेंसेक्स में शामिल करीब एक तिहाई शेयर टूटे, वहीं चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 1,449-2,156 रहा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, आम बजट और फेड की बैठक के नतीजे से पहले बाजारों में अगले कुछ कारोबारी सत्रों में उतारचढ़ाव रह सकता है। निफ्टी के लिए प्रतिरोध स्तर 17,760 हो सकता है, वहीं 17,493-17,542 के दायरे में उसे समर्थन मिल सकता है।