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रिलायंस इंडस्ट्रीज को पछाड़ SBI देश की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी बनी

बैंक ने वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में 18,537 करोड़ रुपये का शुद्ध‍ लाभ अर्जित किया, जो आरआईएल के तिमाही मुनाफे 16,011 करोड़ रुपये के मुकाबले ज्यादा है।

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कृष्ण कांत   
Last Updated- August 07, 2023 | 9:57 PM IST

कोविड महामारी के प्रसार के बाद देसी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में हुआ बदलाव मुनाफा अर्जित करने वाली भारत की कंपनियों की सूची में फेरबदल कर रहा है। एक दशक से भी ज्यादा समय से भारतीय कंपनी जगत की सूची में सबसे ऊपर रहने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अप्रैल-जून तिमाही 2023 में पीछे छोड़ दिया।

देश के सबसे बड़े बैंक का एकीकृत शुद्ध‍ लाभ (समायोजित) जून में समाप्त पिछले 12 महीने के दौरान 66,860 करोड़ रुपये रहा, जो रिलायंस के पिछले 12 महीने के समायोजित शुद्ध‍ लाभ 64,758 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

एसबीआई ने पहली तिमाही में 18,537 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में 18,537 करोड़ रुपये का शुद्ध‍ लाभ अर्जित किया, जो आरआईएल के तिमाही मुनाफे 16,011 करोड़ रुपये के मुकाबले ज्यादा है।

पिछले दो दशक में यह सिर्फ दूसरा मौका है जब एसबीआई ने पिछले 12 महीने के आधार पर ज्यादा शुद्ध‍ लाभ दर्ज किया है। पिछला मौका जुलाई-सितंबर 2012 की तिमाही का था जब एसबीआई ने पिछले 12 महीने के आधार पर 18,810 करोड़ रुपये का शुद्ध‍ लाभ दर्ज किया था जबकि आरआईएल का एकीकृत शुद्ध‍ लाभ 18,588 करोड़ रुपये रहा था।

ऐतिहासिक तौर पर आरआईएल ने देश की सबसे लाभकारी फर्म की रैंकिंग के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी और इंडियन ऑयल से प्रतिस्पर्धा की है।
लाभ के लिहाज से आरआईएल को पिछली बार इंडियन ऑयल ने अप्रैल-जून 2013 की तिमाही में पिछले 12 महीने के आधार पर पछाड़ा था। इससे पहले ओएनजीसी दिसंबर 2012 की तिमाही तक लाभ के मामले में आरआईएल से आगे थी।

रिफाइनिंग व पेट्रोकेमिकल में तेज गिरावट के कारण मुनाफे की सूची में आरआईएल पिछड़ गई क्योंकि वैश्विक स्तर पर ईंधन व पेट्रोकेमिकल की कीमत पर रूस-यूक्रेन यूद्ध‍ के बाद विपरीत असर पड़ा था। इसके परिणामस्वरूप आरआईएल का एकीकृत शुद्ध‍ लाभ वित्त वर्ष 24 की तिमाही में सालाना आधार पर 10.6 फीसदी घटकर 16,011 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछली 11 तिमाहियों का सबसे खराब प्रदर्शन है।

भारतीय स्टेट बैंक ने रिकॉर्ड आय की एक और तिमाही सामने रखी

इसकी तुलना में भारतीय स्टेट बैंक ने रिकॉर्ड आय की एक और तिमाही सामने रखी, जिसे उधारी की तेज रफ्तार, कर्ज पर ब्याज व जमाओं पर ब्याज के बढ़ते अंतर और पिछले फंसे कर्ज की वापसी से सहारा मिला। बैंक का शुद्ध‍ लाभ वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 153.1 फीसदी बढ़ा, हालांकि यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के निचले आधार के चलते हुआ।

वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही तक नुकसान उठाने के बाद एसबीआई की आय में कायापलट की वजह भारतीय अर्थव्यवस्था व कंपनी जगत में बैंकिंग, फाइनैंस, इंश्योरेंस और स्टॉक ब्रोकिंग (बीएफएसआई) में आई भारी भरकम तेजी है। बीएफएसआई क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी अब कंपनियों के लाभ में करीब 35 फीसदी है, जो महामारी से पहले करीब 10 फीसदी रही थी।

इसकी तुलना में हाल के वर्षों में उद्योग व विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों में सापेक्षिक नरमी आई है, जिसकी वजह इस क्षेत्र की कंपनियों का कमजोर राजस्व व मुनाफे में कम बढ़ोतरी है। उदाहरण के लिए आरआईएल के तेल रिफाइनिंग व पेट्रोकेमिकल डिविजन का कर व ब्याज से पहले सालाना लाभ पिछले चार वर्षों से मोटे तौर पर अपरिवर्तित बना हुआ है।

आरआईएल की एकीकृत आय में बढ़ोतरी नए गैर- औद्योगिक उद्यम मसलन खुदरा व दूरसंचार सेवा के चलते हुई है। नए डिविजन हालांकि अभी पुराने औद्योगिक कारोबारों की तरह उतने लाभकारी नहीं हैं, जिससे कुल आय पर दबाव पड़ता है। आरआईएल का एकीकृत शुद्ध‍ लाभ वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में कमोबेश दसंबर 2021 की तिमाही जैसा रहा, जबकि इस अवधि में उनके नए कारोबारों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

First Published : August 7, 2023 | 9:57 PM IST