रजनीकांत! नाम ही काफी है। दक्षिण फिल्मों के सुपस्टार रजनीकांत अपनी नई फिल्म ‘जेलर’ के साथ दो साल बाद पहले पर्दे पर लौट रहे हैं। और क्या वापसी है…! दफ्तर बंद हो रहे हैं, शिक्षण संस्थान छात्रों को रजनी की फिल्म देखने के लिए छुट्टी दे रहे हैं, चंडीगढ़ से कन्याकुमारी तक थिएटर हाउसफुल हैं, रजनी के दीवाने केवल यह फिल्म देखने जापान के ओसाका से चेन्ननई तक सफर कर रहे हैं और ब्रांड भी उनकी इस वापसी का जश्न मना रहे हैं। यह केवल रजनीकांत की फिल्म रिलीज होने पर ही हो सकता है।
नेल्सन दिलीपकुमार के निर्देशन में बनी जेलर टिकट खिड़की पर ही धमाल नहीं मचा रही है बल्कि कंपनी जगत पर भी उसका जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। नैसडैक में सूचीबद्ध प्रमुख सास (एसएएएस) कंपनी फ्रेशवर्क्स से लेकर बोतलबंद पेयजल ब्रांड बिस्लेरी और गैर-बैंकिंग फाइनैंस कंपनी
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस तक तमाम कंपनियां लोगों पर चढ़े रजनीकांत के बुखार को या तो भुना रही हैं या उसका जश्न मना रही हैं।
कर्मचारियों की छुट्टी
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जब सेलम सर्वे ग्रुप के एचआर प्रमुख एवं मुख्य तकनीकी अधिकारी दिनेश कुमार से बात की तो वह तमिलनाडु के सेलम में आइनॉक्स सिनेमा के बाहर थे, जहां वह रजनी की फिल्म का पहले दिन का पहला शो देखने आए थे। सेलम सर्वे जमीन का डिजिटल सर्वेक्षण करती है। भारतीय रेल और कई प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियां उसकी ग्राहक हैं। कुमार ने तमिलनाडु में अपने 780 कर्मचारियों को छुट्टी तो दी ही है, यह भी कहा है कि अगर वे टिकट खिड़की से खरीदे टिकट या ऑनलाइन टिकट की रसीद दफ्तर में जमा कराएंगे तो कंपनी टिकट का पैसा उनको अपने खाते से देगी।
‘रजनीकांत की फिल्म हफ्ते में किसी भी दिन रिलीज हो, छुट्टी अपने आप हो जाती है’
उन्होंने कहा, ‘कुछ अभिनेता अपनी फिल्म रिलीज करने के लिए छुट्टी का दिन ढूंढते हैं मगर रजनीकांत की फिल्म हफ्ते में किसी भी दिन रिलीज हो, छुट्टी अपने आप हो जाती है। हम चाहते हैं हमारे कर्मचारी जेलर का आनंद लें।’
दक्षिण भारत की दूसरी कई कंपनियों ने भी आज छुट्टी कर दी है। इनमें मदुरै की आरओ कंपनी ऊनो एक्वा केयर और हैदराबाद की कंपनी डेजी फूड प्रोडक्ट्स आदि शामिल हैं। बिस्लेरी ने सन पिक्चर्स के साथ साझेदारी की है। उसने 500 मिलीलीटर, 1 लीटर, 2 लीटर और 5 लीटर की पानी की कुछ बोतल रजनीकांत की तस्वीरों के साथ उतारी हैं।
सन नेटवर्क्स के मुख्य परिचालन अधिकारी सेम्बियन शिवकुमार ने कहा, ‘बिस्लेरी और जेलर का साथ होना ही है क्योंकि रजनीकांत और बिस्लेरी बेहद लोकप्रिय नाम हैं। लिमिटेड एडिशन वाले ये पैक दर्शकों को बहुत लुभाएंगे और इस फिल्म के लिए रोमांच भी बढ़ाएंगे।’
फ्रेशवर्क्स और उसके संस्थापक गिरीश मातृभूतम पर भी रजनीकांत का जादू छाया है। अपने कर्मचारियों को 20 अगस्त को यह फिल्म दिखाने के लिए कंपनी सात स्क्रीन्स पर 2,200 टिकट बुक करा चुकी है। मातृभूतम ने 2021 में रजनीकांत के सम्मान में नैसडैक में अपने आईपीओ को ‘प्रोजेक्ट सुपरस्टार’ कोड नाम दिया था। वह रजनी को अपना आदर्श मानते हैं।
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस भी अपने कर्मचारियों, बैंकरों और शुभचिंतकों के लिए जेलर का खास शो करवा रही है। खबर है कि फिल्म का पहले दिन का पहला शो देखने के लिए एक परिवार ओसाका से चेन्नई आया है।
कंपनियों की दिलचस्पी
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि जेलर बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बना सकती है मगर कंपनियां रजनी की पिछली फिल्मों की तरह जोश में नहीं हैं।
ट्रेड विश्लेषक मनोबाला विजयबालन ने कहा, ‘दो साल बाद सुपरस्टार रजनीकांत की कोई फिल्म थिएटरों में रिलीज हो रही है। इस साल की तमिल फिल्मों में इसकी शुरुआत जबरदस्त रहेगी। यह तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक के अलावा विदेशी बाजारों से भी काफी कमाई करेगी। हर कोई रजनी ब्रांड से जुड़ना चाहता है।’
रजनीकांत की खास शैली के कारण उनकी पिछली छह फिल्मों- अनाथे, दरबार, पेट्टा, 2.0, काला और कबाली – ने 2,000 करोड़ से 2,500 करोड़ रुपये के बीच कमाई की, जबकि उनमें से दो फिल्मों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं था।
पहले दिन 42 करोड़ रुपये कमा सकती है जेलर
फिल्म उद्योग पर नजर रखने वाली फर्म सैकनिक के मुताबिक जेलर भारत में पहले दिन 42 करोड़ रुपये कमा सकती है। चर्चा है कि यह फिल्म भारत और अमेरिका में अग्रिम बुकिंग के जरिये करीब 19 करोड़ रुपये जुटा भी चुकी है।
बुकमाईशो के मुख्य परिचालन अधिकारी आशिष सक्सेना ने बताया, ‘बुकमाईशो पर तमाम शहरों में जेलर के अब तक करीब 9 लाख टिकट बुक हो चुके हैं।’ इसकी तुलना में गदर 2 के लिए 3 लाख टिकट बुक हुए हैं। चिरंजीवी की फिल्म भोला शंकर के तो केवल 70,000 और अक्षय कुमार की ओ माई गॉड 2 के 45,000 टिकट ही बिके हैं।
तमिलनाडु थिएटर ऐंड मल्टीप्लेक्स ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तिरुपुर एम सुब्रमण्यन ने बताया, ‘पहले चार दिनों के लिए तमिलनाडु के सभी 900 थिएटर हाउस फुल हो चुके हैं। इनमें से हरेक थिएटरों में औसतन 600 सीटें हैं। इससे पहले सप्ताह की कमाई का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।’