facebookmetapixel
किराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र2025 में टेक IPO बाजार की वापसी: मुनाफे के दम पर पब्लिक मार्केट में लौटा स्टार्टअप उत्साहडीमैट की दूसरी लहर: नॉन-लिस्टेड कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक शेयरों का चलन तेज, इश्यूर की संख्या 1 लाख के पारYear Ender 2025: इस साल पसंदीदा रहे फ्लेक्सीकैप फंड, ₹70,960 करोड़ का निवेश मिलाGold Silver Price: टूटे सारे रिकॉर्ड, सोना 1.40 लाख, चांदी 2.35 लाख रुपये के करीबStock Market: साल के आ​खिर की सुस्ती और नए कारकों के अभाव से बाजार में नरमी, सेंसेक्स-निफ्टी 0.4% टूटेदिल्ली की नई ईवी पॉलिसी: सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन नहीं, पुराने प्रदूषणकारी वाहनों पर सख्ती भी जरूरीअमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति 2025: नई सोच या वैचारिक मोड़, जवाब कम और सवाल ज्यादाचीन की आर्थिक वृद्धि बताती है कि सरकारी समर्थन नए उद्यमों पर केंद्रित क्यों होना चाहिए

SEBI का नया आंशिक स्वामित्व ढांचा, कई रियल्टी कंपनियां अमल को तैयार

कई मौजूदा कंपनियों का कहना है कि सेबी के प्रस्तावित ढांचे से व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंच बनाने और लागत घटाने में मदद मिलेगी।

Last Updated- November 27, 2023 | 10:27 PM IST
Gone are the days of the gray market! Preparation to start trading in IPO before listing: SEBI ग्रे मार्केट के लद गए दिन! लिस्टिंग से पहले IPO में ट्रेडिंग शुरू करने की तैयारी: SEBI

भले ही बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने हाल में घोषित स्मॉल एंड मीडियम रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (एसएम रीट्स) ढांचे पर अमल स्वैच्छिक बनाए रखा है, लेकिन इस क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियों ने इस बदलाव में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।

शनिवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एसएम रीट की अवधारणा को स्वीकृति दी, जिससे कम से कम 50 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों वाले रियल एस्टेट के लिए मौजूदा आंशिक स्वामित्व प्लेटफार्मों को नियामक दायरे में आने की अनुमति मिल गई है।

सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने शनिवार को स्पष्ट किया था, ‘यह पूरी तरह वैकल्पिक है। ऐसे प्लेटफॉर्मों की संख्या अच्छी खासी है जो कंपनी ढांचे के तहत परिचालन कर रहे हैं। वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्हें इससे जुड़ने के लिए बाध्य कर रहा है। यदि वे रीट ढांचे को अपनाना चाहेंगे तो अपना सकते हैं।’

कई मौजूदा कंपनियों का कहना है कि सेबी के प्रस्तावित ढांचे से व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुंच बनाने और लागत घटाने में मदद मिलेगी।

भले ही इस संबंध में निर्णायक सर्कुलर और अधिसूचना का इंतजार है, लेकिन सेबी का कहना है कि न्यूनतम सदस्यता शुल्क 10 लाख रुपये होगा। बाजार हालात में बदलाव पर नियामक इसे घटा सकता है। मौजूदा समय में कई प्लेटफॉर्मों के लिए न्यूनतम आकार 25 लाख रुपये है।

एचबिट्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी शिव पारेख ने कहा, ‘नियामक के तौर पर सेबी बेहतर खुलासों, मानकीकरण और पारदर्शिता के साथ उद्योग में भरोसा बढ़ाएगा। 10 लाख रुपये का न्यूनतम आकार भी अच्छा है, क्योंकि इससे तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, बड़े वितरक भी इस उत्पाद का वितरण शुरू करेंगे। हम नए ढांचे पर अमल को इच्छुक हैं।’

उद्योग की कंपनियों का यह भी कहना है कि सेबी के दायरे में आने से विदेशी प्रवाह को आकर्षित करने और अधिक विश्वसनीयता हासिल करने में मदद मिलेगी, क्योंकि अधिक निवेशक सुरक्षा उपाय किए जाने से आत्मविश्वास बढ़ेगा।

1,200 करोड़ रुपये की एयूएम वाले एक प्लेटफॉर्म स्ट्रैटा के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी सुदर्शन लोढा ने कहा, ‘कई निवेशक उत्साहित हैं, क्योंकि यह सेगमेंट निर्णायक तौर पर नियामकीय दायरे में रहेगा।

एफओपी को स्वायत्तता देने के सेबी के निर्णय से उद्योग में बाजार नियामक के बढ़ते भरोसे का पता चलता है। हालांकि हम प्रायोजकों की होल्डिंग पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि हम 5 प्रतिशत सीमा के साथ ज्यादा सहज हैं।’ ऐसेटमोंक समेत कुछ अन्य प्लेटफॉर्म भी नए ढांचे पर अमल के लिए उत्साहित हैं, लेकिन वे स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार कर रहे हैं।

First Published - November 27, 2023 | 9:56 PM IST

संबंधित पोस्ट