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बैंक लॉकर में सामान के लिए जिम्मेदार बैंक नहीं, बीमा कराना सही

लॉकर में रखे सामान का बीमा बैंक लॉकर पॉलिसी के जरिये भी कराया जा सकता है। ऐसा बीमा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस करती है।

Last Updated- October 15, 2023 | 11:27 PM IST
bank locker

अगर आपके पास बैंक लॉकर (Bank Locket) है और आप उसमें नकदी रखना चाह रहे हैं तो एक बार सोच लीजिए। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रहने वाली एक महिला ने अपनी बेटी की शादी के लिए 18 लाख रुपये बैंक लॉकर में रख दिए थे। जरूरत पड़ी तो उसे पता चला कि नोट तो दीमक खा चुकी हैं। ऐसे में क्या बैंक को रकम की भरपाई करनी पड़ेगी?

लॉकर में नोट न रखें

सेफ डिपॉजिट लॉकर समझौते में बदलाव किया गया है, जिसके मुताबिक लॉकर का इस्तेमाल कुछ खास कामों के लिए ही किया जा सकता है। मिसाल के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक का समझौता कहता है कि ‘लॉकर का इस्तेमाल गहने जैसे कीमती सामान और कागजात आदि रखने के लिए ही किया जा सकता है, मगर इसमें किसी तरह की नकदी या नोट नहीं रखे जा सकते।’

सीमित जवाबदेही

भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2021 में ‘सेफ्टी डिपॉजिट लॉकर/सेफ कस्टडी आर्टिकल फैसिलिटी’ नाम से एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें बैंक की जवाबदेही या देनदारी के बारे में बताया गया है। विधि फर्म क्रेड ज्यूर में मैनेजिंग पार्टनर अंकुर महिंद्रो कहते हैं, ‘बैंक केवल प्राकृतिक आपदा, आदमी के वश से बाहर की बातों या ग्राहक की गलती से हुए नुकसान की सूरत में जवाबदेही से मुकर सकते हैं।’

बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने लॉकरों को आपदाओं से बचाने के लिए उचित देखभाल करें। महिंद्रो कहते हैं, ‘दीमक बैंक की चूक से ही लग सकती है, इसलिए इस मामले में पूरी जवाबदेही बैंक की होगी।’ यदि ग्राहक साबित कर दे कि उसे बैंक की लापरवाही की वजह से नुकसान हुआ है तो वह मुआवजे का दावा कर सकता है।

अतीत में जब भी उपभोक्ता ने बैंक की लापरवाही साबित की है तो उपभोक्ता अदालतों ने उनका पक्ष लिया है। जुलाई, 2007 में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक ग्राहक को मुआवजा दिलाया था, जब बैंक लॉकर में रखे उसके नोट और महत्त्वपूर्ण कागज दीमक चाट गई थी। मगर वह केवल 11,000 रुपये का मामला था।

बैंकों के संशोधित समझौते के मुताबिक आग, चोरी, डकैती, इमारत ढहने या बैंक अथवा उसके कर्मचारियों की लापरवाही के मामले में बैंक की जवाबदेही और देनदारी बनती है। दिल्ली उच्च न्यायालय में वकील शशांक अग्रवाल कहते हैं, ‘बैंक पर लॉकर के वार्षिक किराये के 100 गुना के बराबर देनदारी बनेगी।’

यदि आपके लॉकर का सालाना किराया 5,000 रुपये है तो बैंक की लापरवाही के कारण होने वाली आग, चोरी, डकैती, लूट, सेंधमारी, इमारत ढहने जैसी घटनाओं में आपको 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है। महिंद्रो समझाते हैं, ‘देखना होगा कि आगे चलकर अदालतें सालाना किराये के 100 गुना तक की मौजूदा देनदारी से ज्यादा मुआवजा तो नहीं दिलाने लगेंगी।’

बीमा लें, घर में लॉकर रखें

बैंक लॉकर में रखे सामान का बीमा नहीं कर सकता और उसकी जवाबदेही भी इतनी कम है कि उससे लॉकर में रखे सामान की भरपाई शायद ही हो सके। बैंकबाजार के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी का सुझाव है, ‘अगर आपके पास महंगे गहने हैं तो आपको उन्हें ज्यादा महफूज रखने के लिए बीमा भी करा लेना चाहिए।’

बैंक लॉकर में रखे गहनों को घर के बीमा कवर का हिस्सा माना जा सकता है। सिक्योरनाउ के सह-संस्थापक कपिल मेहता का कहना है, ‘इस बीमा का खर्च बहुत कम होता है क्योंकि लॉकरों में सेंधमारी बहुत ही कम होती है।’

लॉकर में रखे सामान का बीमा बैंक लॉकर पॉलिसी के जरिये भी कराया जा सकता है। ऐसा बीमा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस करती है।

पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के सीईओ और संस्थापक नवल गोयल का कहना है, ‘इन पॉलिसियों में आम तौर पर जेवरात, कागजात, सर्टिफिकेट और पासपोर्ट जैसे कीमती सामान का बीमा किया जाता है। बीमा सेंधमारी, चोरी और उन दुर्घटनाओं के लिए होता है, जिनमें सामान चला जाता है।’

ज्यादातर बैंक उन्हीं कंपनियों की सेफ इस्तेमाल करते हैं, जिनकी बनी तिजोरियां घरों में इस्तेमाल की जाती हैं। ऐसी तिजोरियां या सेफ आपको 10,000 से 15,000 रुपये में मिल सकती हैं।

सामान सही से करें पैक

अपना लॉकर साल में कम से कम एक बार जरूर खोलें। लॉकर किराये पर लेने से पहले उसका आकार भी अच्छी तरह जांच लीजिए।

शेट्टी की सलाह है, ‘यदि आप लॉकर का इस्तेमाल अपने कागजात सुरक्षित रखने के लिए करना चाहते हैं तो देख लीजिए कि कागजात उसमें आराम से आ जाएं। कागज रखने के लिए ऐसे जिप लॉक बैग इस्तेमाल कीजिए, जिनमें हवा ही नहीं रहती। उनमें सिलिका जेल जैसे पदार्थ डाल दीजिए ताकि दस्तावेज नमी से बचे रहें।’

लॉकर में आपने जो भी कागजात और कीमती सामान रखा है, उसकी सूची बनाएं और उनकी दो प्रतियां अपने पास जरूर रख लें। इससे आपको ध्यान रहेगा कि आपने क्या-क्या रखा है।

First Published - October 15, 2023 | 11:27 PM IST

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