चीन प्लस-वन की रणनीति से लाभ मिलने के कारण भारत से सोलर मॉड्यूल के निर्यात में वृद्धि हो रही है। उद्योग के जानकारों और विश्लेषकों का कहना है कि बड़े विनिर्माताओं की रणनीति में निर्यात लंबे समय तक बना रहेगा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में भारत से सोलर सेल और मॉड्यूल का निर्यात 8307 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए 1,453 करोड़ रुपये की तुलना में कई गुना बढ़ा है।
बड़े घरेलू विनिर्माताओं के आंकड़ों में भी इसी तरह की वृद्धि नजर आ रही है।
वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही (सितंबर 2023 तिमाही) में अदाणी इंटरप्राइजेज की मॉड्यूल की कुल बिक्री 205 प्रतिशत बढ़ी है। 630 मेगावॉट की बिक्री में से 405 मेगावॉट निर्यात हुआ है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में 75 मेगावॉट का निर्यात हुआ था।
भारत के सोलर मॉड्यूल का निर्यात मुख्य रूप से अमेरिकी बाजार में हो रहा है, जहां चीन पर प्रतिबंध ने बड़े भारतीय कारोबारियों के लिए अवसर खोल दिया है। कॉर्पोरेट रेटिंग्स इक्रा में वाइस प्रेसीडेंट और सेक्टर हेड विक्रम रेड्डी ने कहा, ‘इस समय मांग की तुलना में आपूर्ति कम है, जिसकी भरपाई भारत की कंपनियां निर्यात करके कर रही हैं। यह देखना होगा कि कब तक ऐसा हो पाता है।’
अदाणी इंटरप्राइजेज में मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर सिंह ने विश्लेषकों से कहा कि कंपनी का ज्यादातर मॉड्यूल निर्यात अमेरिका को हुआ है।
क्रिसिल के मुताबिक इस सेग्मेंट में प्रमुख कारोबारी वारी एनर्जीज के फरवरी तक का ऑर्डर बुक 28,000 करोड़ रुपये का है और इसमें से 80 से 85 प्रतिशत (कनफर्म और कतार में) निर्यात बाजारों से है, जिसमें अमेरिका, कनाडा, यूरोप सहित अन्य देश शामिल हैं।
टाटा पावर तमिलनाडु के अपने 4.3 गीगावॉट के सेल और मॉड्यूल प्लांट से वित्त वर्ष 24 के अंत तक उत्पादन शुरू कर देगा, जिसने अंतरराष्ट्रीय बाजार पकड़ने की योजना बनाई है।
वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही के परिणाम की घोषणा के दौरान टाटा पावर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी प्रवीर सिन्हा ने विश्लेषकों को बताया, ‘तमिलनाडु में स्थित नई कंपनी टीपी सोलर की क्षमता 4.3 गीगावॉट है। आने वाले समय में निश्चित रूप से कंपनी 1 से 2 गीगावॉट का निर्यात कर सकती है, जो घरेलू बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार की जरूरतों पर निर्भर होगा।’
एक और कंपनी जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने भी सोलर मॉड्यूल निर्माताओं की सूची में शामिल होने की योजना बनाई है। कंपनी 1 गीगावॉट विनिर्माण क्षमता के साथ 2025 तक इस सेग्मेंट में आने की तैयारी में है। इस सिलसिले में भेजे गए एक ई-मेल का कंपनी ने कोई जबाव नहीं दिया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री को लेकर कंपनी की योजना के बारे में जानकारी मांगी गई थी।
रेटिंग एजेंसियों के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर बड़े विनिर्माताओं की रणनीति में निर्यात की योजना लंबे समय तक शामिल रहने की संभावना है।
केयर एज में सीनियर डायरेक्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर रेटिंग्स में हेड राजश्री मुर्कुटे ने कहा, ‘अगले 12 महीने तक सोलर मॉड्यूल के निर्यात में तेजी बनी रहेगी। घरेलू खरीदारों के लिए आयात अभी भी व्यावहारिक है, जबकि घरेलू विनिर्माताओं को निर्यात में 30 प्रतिशत तक ज्यादा कीमत मिल रही है। दीर्घावधि के हिसाब से देखें तो ज्यादातर विनिर्माता घरेलू और निर्यात दोनों बाजारों पर केंद्रित होंगे, हालांकि निर्यात के देश बदल सकते हैं।’