facebookmetapixel
Waaree Energies के शेयरों में अमेरिका की जांच के चलते 7 फीसदी की भारी गिरावटSME IPO का पहले दिन का जोश ठंडा, 37 फीसदी कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से नीचे बंदसभी तटीय बंदरगाहों को जोड़ने के लिए 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये का होगा निवेश: नितिन गडकरीछह दशक की सेवा के बाद मिग-21 ने भरी अपनी अंतिम उड़ान, भारतीय आकाश में हुई भव्य विदाईIndian IT Stocks: एक्सेंचर के सतर्क अनुमान ने भारतीय आईटी शेयरों में अल्पकालिक चिंता बढ़ाईGST अधिकारियों ने देशभर के होटलों पर रेस्टोरेंट सेवाओं में कम कर भुगतान पर कसा शिकंजाPM मोदी ने बिहार की महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद के साथ सशक्त बनाने का किया ऐलानसरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में 6.77 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बनाईBSNL का मुनाफा ₹5,000 करोड़ के पार, पिछले वित्त वर्ष से ₹2,300 करोड़ ज्यादा: ज्योतिरादित्य सिंधियाSC ने JSW स्टील की ₹19,700 करोड़ की समाधान योजना को दी मंजूरी, हजारों नौकरियों को मिला सहारा

Bitcoin-ETF को अमेरिका में मंजूरी से भारतीय कंपनियां खुश

अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने अमेरिका में बिटकॉइन के लिए गुरुवार को 11 ईटीएफ को हरी झंडी दी।

Last Updated- January 11, 2024 | 10:34 PM IST
Bitcoin- बिटकॉइन

भारतीय क्रिप्टो कंपनियां उत्साहित हैं, क्योंकि अमेरिकी प्रतिभूति नियामक ने बिटकॉइन पर नजर रखने के लिए पहले अमेरिकी-सूचीबद्ध एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) को मंजूरी दे दी है।

कंपनियों का कहना है कि अपने देश में इस तरह के विकास संबंधित घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं अभी शुरुआती चरण में हैं। अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने अमेरिका में बिटकॉइन के लिए गुरुवार को 11 ईटीएफ को हरी झंडी दी। बिटकॉइन बेहद लोकप्रिय वर्चुअल मुद्राओं में से एक है।

इससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के इच्छुक लोगों को क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ खाते जोड़ने जैसी चुनौतियों के बिना बिटकॉइन की कीमत के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी। एसईसी ने बिटकॉइन को ट्रैक करने वाले पहले यूएस-सूचीबद्ध एक्सचेंज को मंजूरी दे दी है। बहुत से लोग इस बात से सहमत हैं कि इससे क्रिप्टो बाज़ार भी अधिक नियमन के दायरे में आएगा।

कंपनियों का कहना है कि भारतीय निवेशक इससे सीधे पहुंच बनाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे। उनका कहना है कि देश की क्रिप्टो कंपनियों में जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) द्वारा क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर मसौदा अपनाए जाने के बाद अमेरिका जैसे बदलाव की उम्मीद जगी है।

पिछले साल अक्टूबर में इनके क्रियान्वयन की मांग उठी थी। क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनडीसीएक्स के सह-संस्थापक सुमित गुप्ता ने कहा, ‘यह क्रिप्टो उद्योग के लिए बड़ी सफलता है और हम एसईसी के निर्णय की सराहना करते हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान ब्लैकरॉक, वल्कायरी और ग्रेस्केल जैसी वित्तीय इकाइयों ने एसईसी के साथ संबंध बनाए हैं, जिससे क्रिप्टो परिसंपत्ति को अपनाने की राह आसान हुई है।’

इस उद्योग की कंपनियों का मानना है कि नियामक के साथ ऐसी ही चर्चा भारत में भी शुरू होगी। गुप्ता ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों से अमेरिका में नियामकीय चर्चाएं चल रही थीं। एसईसी ने यह मानाहै कि बिटकॉइन एक कमोडिटी है।’

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और फाइनैंशियल स्टैबिलिटी बोर्ड (एफएसबी) के निर्देशन में मसौदा तैयार किया गया था। इस बीच, अन्य कंपनियों ने सुझाव दिया है कि क्रिप्टो लेनदेन पर मौजूदा कर लागू नहीं होने चाहिए, क्योंकि क्रिप्टो को ईटीएफ में प्रत्यक्ष रूप से नहीं खरीदा जाएगा।

वेस्टेड फाइनैंस के मुख्य कार्याधिकारी विराम शाह ने कहा, ‘बिटकॉइन ईटीएफ से जुड़ने वाले भारतीय निवेशकों को क्रिप्टोरेंसी रखने की चिंता किए बगैर विनियमित इकाइयों के जरिये आसान निवेश का विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लागू नहीं होगा, क्योंकि वास्तविक तौर पर क्रिप्टो नहीं खरीदी जाएगी और पूंजीगत लाभ कर भी कम होगा।’

First Published - January 11, 2024 | 10:18 PM IST

संबंधित पोस्ट